प्रभु संकीर्तन
प्रभु संकीर्तन परमात्मा से
मिलन में जीवन की पहली सीढी है। अंतरात्मा में व्याप्त त्रुटियों को मिटाने के लिए, उन्हें दूर करने के लिए प्रभु भक्ति ही एकमात्र वो चौखठ है जहां अन्तर्रात्मा में व्याप्त गुण दोषों को बिना देखे शरणागति प्रभु ही स्वीकार कर सकते हैं।