Monday, 26 April 2021

कोरोना के नए रूप का आतंक कब तक: पण्डित ज्योतिर्माली

आजकल  सर्वत्र एक बात की चर्चा चल रही है  *#covid 19* 2019 को चीन देश से चल कर पूरे विश्व मे भ्रमण करते करते असंख्य लोंगो अपना ग्रास बना चुकी है बूढे जवान महिला युवा बालक सबके सब इस महामारी कोरोना के शिकार बन चुके हैं आगे भविष्य में न जाने कितने जीवन इसके पेट मे स्वाहा होंगे कहा नही जा सकता है 
सरकारी आदेश की अवहेलना करने वालों के कारण और खास  भारत में विरोधी पक्ष की अनदेखी का नतीजा है कि जाते जाते वापस फिर पलट कर कोरोना विश्व के अनेक देशों में बिना बुलाये मेहमान की तरह  आने लगा है लोग हतास निराश होने लगे हैं
 चैनल टीवी पर मौत के आंकड़े देख देख कर हर वर्ग के लोग अपना साहस और धैर्य छोड़ने लगे हैं
देश विदेश में सभी लोग सरकारी डॉक्टरों अस्पतालों  की तरफ नजर लगाए हुए है लेकिन हर  मरीज या कोरोना शिकार के घर वाले अपनी जिंदगी की रक्षा के लिये धन दौलत पानी की तरह बहाते नजर आरहे हैं लेकिन सरकारी डॉक्टर या प्रायवेट डॉक्टर उनको आशवस्त नही कर पाते हैं कि कोरोना का मरीज ठीक ठाक होकर वापस सकुशल घर आपायेगा
ऐसी अवस्था मे भुक्तभोगी रोगी या उसके घरवाले आशंका भरे लक्षणो से बोझिल मन से यह निर्णय नही ले पा रहा है कि  आखिर कोरोना से बचने के लिए क्या करे सरकारी डॉक्टर या गैर सरकारी डॉक्टर किसी बात की गारंटी देने से कतराते हैं कि उनकी सलाह ना भी है और हाँ भी है।
ऑसि अवस्था मे कोरोना का मरीज क्या निर्णय ले उसके समझ से परे की बात है
हर आदमी किंकर्तव्यविमूढ़ सा हो गया है
सबकी अक्ल पर मानो पत्थर पड़ गया है
 उपाय बताने वालों की एक लंबी लिस्ट भी डिजिटल हो रही है
हर एक आदमी अपना अनुभव शेयर करने से नही चुक रहा है
अब सरकारी दवाइयाँ जो देश विदेश तक अपना हाथ पैर फैला चुकी हैं
भारत सरकार के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी के नाम की चर्चा दान कर्ता के रूप में फैलती जा रही है
भारत के वैज्ञानिकों की तारीफ भी कम नही हुई है
लेकिन भारत के कोरोना मरीजो की संख्याओं में अपार बृद्धि भी हुई है ऐसे में
भारतीय kovid के मरीजो की सुरक्षा पुनः प्रश्नवाचक चिन्ह में हो गई है
भरतीय विपक्ष के नेताओ का सुर मोदी जी को ललकारने में पीछे भी नही है दोषारोपण करके मोदी की विदेशी दानशीलता पर कड़ी फब्तियां कसी गईं है
उनके नेक कार्यो पर उंगलियां उठने लगी हैं
भारत के अपने लोग देश की कोविड शील्ड से ज्यों वंचित हो रहे हैं 
जो भी हो देश की रक्षा पहले करनी चाहिए यह विचार पक्ष -विपक्ष दोनो  में  चल रही है जो सही युक्ति है
अब सबसे वड़ा सवाल यह कि कुछ लोग कोविड इंजेक्शन लगवाने के पक्ष में है कुछ लोग नहीं है
इसका सही  निदान किसी के भी पास नही है
ज्योतिष विद्या में गहरा अध्ययन करने से ज्ञात होता है कि कोविड की समस्या अब इतनी आसानी से हल नही होने वाली है इसकी शुरुआत 2019 से चल कर 2021  फरवरी तक थी जो अब इसका  फैलाव आगे तक जाएगा 2024 तक चलता रहेगा सारी दुनिया  कोविड की गिरफ्त में जाने अनजाने में पड़ेगी जो लोग इस आपदा को हल्के में ले रहे थे उनको बाद में समझ मे आएगा कि महामारी भी कोई छुआ छूत की विमारी होती है
भारत मे दिल्ली बार्डर पर  2019में  *शाहीन बाग* पर धरना देने वाले मुस्लिम जो विपक्षीयों के शह पर कई महीनों तक  बैठे रहे और कोविड को चीन से बुलाकर मेहमान बनाकर  दिल्ली में घुसपैठ कराने में सफल हुए  जिसके लिए प्रधान मन्त्री को *जनता कर्फ्यू* को लागू करवाने की अपील करनी पड़ी नवम्बर दिसम्बर 2019 में कोरोना का भारत मे खुल्लम खुल्ला प्रवेश हुआ जो 2020 और 2021 तक कि एक गणित के माध्यम से  हमने अपने पाठकों और शिष्यों को फेसबुक , व्हाट्सएप ,  और मैसेज के द्वारा सबको अवगत कराया था बाद में अनेक प्रतिक्रियाएं भी फोन से या फेसबुक से प्राप्त हए थे
लेकिन अब जो गणित निकलरहा है उसके हिसाब से 2021 2022 2023 2024 को छोड़ दीजिए आगे के लिए सब वर्ग और पेशेवरों  के लिये स्तिथितियाँ
नाजुक बनी रहेगी हम सभी चिंतित  और हैरान परेशान नजर आएंगे
दैनिक रोजी रोटी कमाने वालों की कमर टूट सकती है
सरकारी और प्रायवेट तौर पर सहायता पाने की तरफ लोगों की नजरें टिकी रह सकती हैं व्यक्तिगत पेशेवरों की  चिंताएं बढ़ेगी सर्वत्र कोरोना रोग और डॉक्टरों अस्पतालों का दहशत बढ़ेगा
ऐसी अवस्था में देवी देवताओ की तरफ आश्रय लोग ढूढ़ेगें अनुष्ठान यज्ञ दान आदि की तरफ लोगो का ध्यान आकृष्ट हो सकता है 
प्रति वर्ष चैत्र मास से गणित द्वारा वर्ष भर की गतिविधियों की जानकारियां 
जनसाधारण कर सकूंगा
जो लोग विस्तृत जानकारी महीने महीने की चाहेंगे उनको पूछने पर अलग अलग व्हाट्सएप से या वीडियो द्वारा प्राप्त कर सकेगें