9 मई दहशत या हकीकत?
मधुसूदन मिश्र, पण्डित ज्योतिर्माली
पुतिन की आक्रामक सेना आजतक यूक्रेन जैसे छोटे देश पर अपना कब्जा नही कर पाया। पर विश्व देख रहा है कि किस तरह एक छोटा सा देश कैसे आज शेर की तरह दहाड़ रहा है। पुतिन के पास जो पावर है वह जेलेन्सकी के पास नही थी। पर चंद्रमा मंगल की युक्ति जेलेन्सकी की कुंडली मे प्रबल है। पुतिन के पास हाई टेक्निक लड़ाकू दस्ते है, रमदान कदिरोफ जैसे खूंखार सेनाओं के दल हैं पर जीत अभी भी मुट्ठी से रेत की तरह फिसलती ही जा रही है।
खबरे आ रही हैं कि 9 मई को रूस विजय दिवस मनाता है। तो इस बार क्या होगा? साल 2022 के दिन क्या रूस यूक्रेन से लड़ता भिड़ता ही रह जायेगा या इस वार रूस के इतिहास में विजय दिवस पर्व पर एक नया अध्याय जुड़ने वाला है।
वृष राशि के पुतिन 11 अप्रैल 2022 से अधिक आशंकाओं से घिर चुके हैं। मस्तिष्क तेज होने के बावजूद उलझ चुका है। दुसरो पर पैनी दृष्टि रखने वाले पुतिन अब खुद स्वयं पर ही किन्ही कारणों से शंका करने लगे हैं। आत्मविश्वास कही न कही खोखला हुआ है। जिसके कारण दुसरो पर न चाहते हुए भी उन्हें भरोसा करना पड़ रहा है। ऐसे में कदिरोफ जैसे लोग पूर्णतया फायदा उठाने को लालायित रहेंगे। कदिरोफ की सेना जैसे जैसे ध्वस्त हो रही है वैसे वैसे जीतने की सनक और हारने का डर सता रहा है।
उधर जेलेन्सकी घुटने टेकने की सीढ़ी से बहुत आगे बढ़ चुके हैं। उन्हें अपना देश को फिर से खड़ा करना है। इसके लिए उनकी शतरंजी चाल धीरे धीरे रंग ला रही है। जेलेन्सकी की आँखे अभी भी अपने लक्ष्य पर ही टिकी हैं। साम दाम दंड भेद की राह पर दोनो देश के राष्ट्रपति है पर 9 मई का सूर्य जेलेन्सकी की ओर प्रकाश डालेगा पर जैसे सूर्य मध्यान्ह पर पहुंचेगा वैसे ही एक बार लगेगा कि पुतिन कुछ ऐसा कर देंगे जिससे युद्ध का दृष्टिकोण ही पलट जाएगा पर दूर के ढोल कैसे बजेंगे ये लोग जरूर देखेंगे। रूस की आधी जनसंख्या पुतिन के इस जंग के खिलाफ है तो वही देश को विस्तारवादिता के पक्षधर भी हैं।
रूस 9 मई को द्वेष के साथ कड़े मन से परंपरा निभाएगा पर जेलेन्सकी का सितारा और बुलन्द होता नजर आएगा। अतः युद्ध अभी भी चलेगा। हमने अपने पिछले लेख में यह स्पष्ट कर दिया था कि पुतिन के ग्रह नवम्बर 2022 तक मतिभ्रम की स्थिति में रहेंगे जिससे विश्व मे तनाव की स्थिति यथावत बनी रहेगी।
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