मन्दिर में क्यों जाते हैं लोग
एक बार ट्रेन में सफ़र कर रहे पंडित मधुसूदन मिश्र जी से किसी ने पूछा - आप कहाँ जा रहे हैँ उत्तर था वाराणसी l कोई खास प्रयोजन होगा ? पुनश्च उत्तर था- काशी पंचकोश यात्रा करने हेतु l
आप लोग ही कह्ते - फिरते हैं कि सर्वत्र हर कण कण मे भगवान है तो फ़िर मन्दिर मन्दिर क्यूँ जाते हैं ?
बड़े ही सहज भाव से पंडित जी ने उत्तर दिया
"हवा तो सर्वत्र है गर्म और ठंढ़ा l
बाहर खूब गर्म हवा चलती है परन्तु आनंद और चैन किसी छाँव मे बैठ कर ही क्यों मिलता है" मन्दिर- गुरुद्वारा में ही पवित्र शाकुन क्यों प्राप्त होता है ?
प्रश्न कर्ता निरुत्तर हो कर चुप हो गया
मधुसूदन मिश्र
ज्योतिर्माली
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