Saturday, 23 November 2024

महाराष्ट्र किसका 2024: ज्योतिषाचार्य #Madhusudanmishra

Published on 14 Nov 2024 @Facebook 

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👉🏼[महाराष्ट्र में कौन  बनेगा  मुख्यमंत्री] 
2024 में हो रहे विधानसभा चुनाव जो 20 नवंबर 2024 को मतदान होगा..कई वर्षों से अपनी दूसरी पारी का इंतजार कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस का फिर से अच्छे दिन आते दिख रहे हैं..
महाराष्ट्र  के  नए  मुख्यमंत्री  का  नाम  बीजेपी  का  होनहार  युवक   श्री  Devendra Fadnavish  का  नाम  बीजेपी  पार्टी  की  तरफ  से  चुनाव  समाप्ति  के दूसरे  दिन  अचानक  उभर  कर  सबके  सामने  आयेगा 
कुछ  विलम्ब  से बीजेपी  के  हाई  कमान द्वारा maharashtra  के सीएम  का  नाम  सबके  सामने  आयेगा  इसप्रकार  ग्रहो की  अद्भुत चाल से  अचानक 
Shri  Devendra  Fadnvish का  दुबारा मुख्यमंत्री  बनना  निश्चित  है ..चुनाव  के  2-3 दिन  बाद  ही  सही नाम  का  चयन होना  सम्भव  लगता  है क्योंकि Devendra  जी  के  ग्रहो  में  अचानक  परिवर्तन होने  से  उनके  पिछे  कई  लोगों  का  नाम  कट  जाएगा  अंततोगत्वा  देवेन्द्र  जी  क्षत्रपति शिवा  जी की  तरह  उछल कर  महाराष्ट्र  के घोड़े रूपी  मुख्यमंत्री  की  कुर्सी  पर  विराजमान  होंगे  पूर्व  मुख्यमंत्री  श्री  एकनाथ #Eknathshinde शिंदे  का नाम  की  चर्चा  चलेगी  लेकिन  उनके ग्रहों की  स्थिति  उतनी  अच्छी  नहीं  होगी  जितनी  देवेन्द्र  जी की  होगी  इसलिए  उनको  मुख्यमंत्री  बनाने  में  ग्रहो  की  भूमिका  कमजोर  बनेगी   Devendra  जी   को पुनः  मुख्यमंत्री  बनाने  से 
  बीजेपी  पार्टी  के  लिए  सौभाग्यशाली  क्षण  होगा  वर्तमान  समय  मे  बीजेपी  के  लिए  श्री  Devendra Fadnvish का मुख्यमंत्री  बनने  से  श्री  नरेंद्र  मोदी  जी  के  लिए महाराष्ट्र  का कई  समस्याओं  का  समाधान  मिलने  का  अवसर  होगा 
श्री  देवेन्द्र जी की  पत्रिका  में  ग्रहों  का  समीकरण  कई  प्रकार  से  दुबारा  मुख्यमंत्री  बनने  का  सुंदर  अवसर  स्पष्ट  प्रतीत  हो  रहा  है ... भाग्यशाली  पत्री  है .. बीजेपी  की  पत्रिका  से  #DevendraFadnavis4Maha जी  की  पत्रिका  का  तालमेल  अच्छा  है ...
भविष्य  की  दृष्टि  में  महाराष्ट्र  का  सर्वोपरि  विकास  और  उन्नति  होगी..
वहीं दूसरी ओर  वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ग्रह कुछ विपरीत चल रहे हैं..दिसम्बर 2024 के प्रथम सप्ताह तक स्थिति राजनैतिक दृष्टिकोण से एकनाथ जी के पक्ष में नहीं दिख रही है..
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Tuesday, 5 December 2023

भारतीय हिन्दू और हिन्दुत्व भारत मे कुछ हिन्दू क्यों विरोधी हैं जब कि विश्व में हिंदू औरअन्य जाति के लोग भारतीय सनातन परंपराओं और देवताओं को सहर्ष स्वीकारने लगे हैं. मुस्लिम और अंग्रेजी - शासनकाल में लोभी लालची और मौका परस्त हिन्दुओं का नाम इतिहास मे दर्ज है जिनके चलते हिंदू राजाओं को अपने राज्यों से हाथ धोना पड़ा था और अपनी जाति और धर्म की कुर्बानी देनी पड़ी थी l अंग्रेजो को प्रसन्न करते बदले में जमीन या जागीर ईनाम में प्राप्त करते थे l ऐसी कहानियाँ हरएक प्रदेश में चर्चित हैं l आज भी वैसी ही कहानियों को कुछेक गिरे हुए नीच प्रकृत के हिन्दू दोहराने में जुटे हुए हैं . 36 गढ के सीएम जो अचानक हिन्दुओं के खिलाफ सामुहिक संकल्प करवाना जरूरी समझे, मानो उनको साँप सूँघ लिया था ,उनकी मति को गठबंधन का नशा चढ़ गया था और बिहारी बाबु नीतीश जी , राहुलजी , ममता दीदी, राजस्थान के जादूगर गहलोत अशोकजी, केजरीवाल जैसे लोगों के सिर का भूत इनके सिर चढ़ गया था --"हिंदू के देवी-देवता को नहीं मानेंगे ना ही उनकी पूजा-अर्चना करेंगे. जो होना होता है वही होता है. 36 गढ के सीएम राजनीति की सूली पर चढ़ गए. अब उनका हाल श्री राहुलजी जैसा बन गया है [ न घर के न घाट के ]www.panditjyotirmalee.comराजस्थान के जादूगर सीएम जी का जादू मानो रूठ गया था l राहुलजी , प्रियंका बाडरा और श्रीमती सोनियाजी की फौज राजस्थान के गालियों महलों के रास्तो को छान मारी, भारत जोड़ों अभियान का तनिक भी असर विधानसभा चुनाव पर नहीं दिखा उल्टे पहले से भी कम विधायक चुने गए l जनेऊ पहन कर माथे पर चन्दन लगा कर गले में मन्दिरों की चढ़ाई गई मालाएं पहने व मंदिरों में पूजा भी कर डाले लेकिन राहुलजी हिन्दुओं को बेवक़ूफ़ बनाने के स्वांग में फेल हो गए l जनता हिन्दू और अन्य जातियों के लोगों को बीजेपी पर भारी भरोसा हो चुका था, तभी तो 3 राज्यों में बीजेपी को जबरदस्त हिन्दू मुस्लिम का समर्थन मिला है, सर्वत्र मोदी की जय जय कार मच रहीं है -'सिर मुड़ाते ओले गिरे" इधर चुनावी हार उधर सांसद और सरकारी बांग्ला से बेदखल होने के दिन पप्पू ,सोनियाजी और बहिन प्रियंका को देखना बाकी रह गया था lसच देखा जाय तो कांग्रेस दल में कुछेक नेता जो छुपकर बागी बन गए थे उनकी चाहत थी कि पप्पू जी प्रधानमंत्री का दावेदारी का सपना छोड़ दें तब उनकी दाल शायद गल जाए अब ऐसा ही होना सम्भव दिखता है "अनहोनी होनी नहीं होनी हो सो होय l ' भारत सरकार ने कानूनी शिकंजा में गांधी परिवार को जकड़ रखा है जो आगामी कई वर्षो तक गांधी के सदस्यों के लिए भारत की गद्दी कोसों दूर रहेगी l दक्षिणी भारत कर्नाटक के बाद तेलंगाना और दक्षिणी भारत के लोगों ने यह तय कर रखा है पप्पू जी को पूरे भारत में हम सहारा बनते रहेंगे क्योंकि गांधी कुटुंब को इंदिरा गांधी के काल से पक्का साथी साउथभारत (South India) बना हुआ है - हम बचन बद्ध हैं जिसका कोई नहीं उसका सहारा और भाग्यदाता खड़गे जी जैसे लोग ही होते रहेंगे lपूरा विश्व भारत की तरफ देख रहा है लेकिन गठबंधन पार्टी की आँखों पर जादुई चश्मा है भ्रष्टाचार करते रहो बीजेपी अब गई तब गई फिर भारत पर संघटन का शासन चलेगा अर्थात हमारी मनमानी चलेगी न नौ मन तेल होगा न राधा नाच नाचेगी [1december 2023 को F.C.Book में चुनावी परिणाम था -- राजस्थान में राजघराने की दिया जी मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश में मामाजी और 36 गढ में बीजेपी भारी बहुमत से सरकार बनाएगी लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस - कर्नाटक की राह पर दिखेगी ] www.panditjyotirmalee.com पंडित ज्योतिर्माली कोलकाता

Sunday, 3 December 2023

देश की बात ? चुनावी रणनीति भारत में 4 राज्यों के चुनाव में बीजेपी का चेहरा राजस्थान में कमल की तरह खिलेगा l वोटिंग का प्रतिशत राजस्थान में सबसे अधिक होगा और मध्य प्रदेश मे मामा जी का कमल फिर से खिलेगा जिससे बीजेपी का अपना मुख्यमंत्री खड़ा करके एक नया रिकार्ड बना सकती है l 36 गढ में हिंदूओं को क्रिश्चियन बनाने की मंशा ने उनका दुबारा सीएम की जगह आम आदमी बना दिया जनता ने तेलंगाना में कर्नाटक की राह पर अपना फैसला छोड़ कर कांग्रेसियों को आगे बढ़ते रहो का नारा बुलन्द कर देगा भविष्य में राज्यों में मे कांग्रेस बंट जाने वाली है इसलिए देश मे कांग्रेसियों के पुराने गलबहियाँ का नजारा बीजेपी को भविष्य में चिंतित करे तो कुछ अनहोनी नहीं होगी lअब दूसरा सवाल कौन कहाँ कौन सीएम बनेगा कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों मे आपसी समझौता मे देर लगेगी ही यह मसला वीर दिमागी वाले प्रधान मंत्री जी के ऊपर निर्भर करेगा जैसा निर्णय करेंगे वैसा ही फल राज्यों को प्राप्त होगा www.panditjyotirmalee.com

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2023 में विधान सभा चुनाव की गहमागहमी 5 साल आपसी तू तू मैं मैं के बीच सबका साथ सबका विकास बीजेपी का नारा था l उधर विपक्ष कांग्रेस के आपसी आत्मघाती सहयोगियों के साथ गठबंधन दल के नेताओं का ताल मेल का स्वांग सवा सौ करोड़ देशवासियों ने देख लिया , फिर भी सभी दल के नेताओ को पूरा भरोसा हो गया था कि भारत की पूरी धरती मानो उनके वंशावली ने उनके नाम रजिस्टर्ड करके स्वर्गलोक सिधार गए हों,लेकिन भारतीय नेताओं के सिर मौर्य प्रधान मंत्री भी सबके विकास का दरवाजा खोल चुके थे फिर भी अपने ही दल के हमदर्दी नेताओं का साथ जोड़ने की अपेक्षा कुछेक को तोड़ने मे मानो संलग्न थे , जिसके फल स्वरुप जीत के लिए मन्दिरों साधु संतो के बीच सिर झुकाते फिर रहे थे उन्हें भी विपक्ष की तरह पक्की जीत का संदेह मन ही मन कौंध रहा था lकर्नाटक की जीत की तरह तेलंगाना भी कांग्रेस की झोली में जा गिरेगा- य़ह कांग्रेसियों के समझ मे आ गया था अस्तु ,राजस्थान राज्य जो भारत का मुख्य पर्यटकों का केंद्र माना जाता है वो अबकी सीएम राजघराने की नयी रानी दिया को बनाने की चेष्टा होगी संभवत प्रधान मंत्री जी का फ़ार्मूला काम आ जाए और पुरानी सीएम राजे वसुंधरा को सेंट्रल की धुरी पर विराजमान करके बीजेपी में मचने वाली असंतोष को बचा लिया जाय एक और अफवाह संत बालक नाथ जी का बीजेपी को सीएम बनाने का उभरेगा लेकिन बड़े सरताज के आगे बात दब सकती है आगे तो कन्हैयालाल जाने बांसुरी किसके मुँह पर सजेगी l 36 गढ के सीएम बघेल जी ऐसा फंसेगे यह वो भी नहीं समझ पाएं थे बेचारे 36 के सीएम चित्त हो कर गठबंधन की धुरी बन कर जीवन भर पश्चाताप करेंगे lwww.panditjyotirmalee.comउसी प्रकार मध्य प्रदेश के मामा जी को वहां की जनता नहिं छोड़ेगी अच्छी खासी बहुमत देगी अब सवाल है जिस प्रदेश के राजा हिन्दुओं के विरुद्ध हों और दुबारा मुख्यमंत्री बनना चाहे तो भला यह कैसे सम्भव होगा चित्त पट्ट के खेल मे हार ही भाग्य में मिलेगा इसप्रकार एक बार बीजेपी फिर भारतीय जनता का विकास करने में कामयाब हो सकती हैलेकिन चुनाव केबाद सर्वत्र तालमेल को लेकर बीजेपी को दो दो हाथ करना पड़े तो कोई आश्चर्य नहीं hogaPandit Jyotirmalee

Thursday, 26 October 2023

*शरद पूर्णिमा एवं चंद्रग्रहण* 28-10-2023 को शरद पूर्णिमा शनिवार के दिन *अश्विनी नक्षत्र* पर चंद्र ग्रहण लग रहा है, जो पूरे भारत में दिखाई देगा lग्रहण काल* ग्रहण रात को 1 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा और 2 बजकर 24 मिनट पर मोक्ष होगा ( 28/29-10-2023)सूतक* शाम 4.05बजे से लग जाएगा l *लक्ष्मी पूजन*चंद्र ग्रहण लगने के कारण लक्ष्मी जी का पूजन दिन में ही करना होगाइसलिएइस(वर्ष)अबकी बार खीर रात को चंद्रमा की रोशनी में नहीं रखी जाएगी, दिन मे ही खीर बनाकर लक्ष्मी जी को भोग लगाना चाहिए ग्रहण का *राशि फल* मेष मिथुन कर्क और वृश्चिक राशि वाले लोगों के लिए वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण का फल विशेष रूप से अच्छा मिलेगा शेष राशि वाले लोगों के लिए फल मन्द रहेगा उनको ग्रहण के बाद दान पुण्य और तीर्थ स्थानों का दर्शन और स्नान से दुष्कर कष्ट दूर होंगे हाँ धनु राशि के लिए समान्य फल मिलेगा l सब कार्य में सफ़लता धैर्य परिश्रम और लगन से प्राप्त होगा pandit jyotirmalee ( MadhusudanMishra) Jyotirlata jyotishiKolkata(R.K.Mishra)

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