Sunday, 6 November 2022

  ग्रस्तोदित खग्रास चंद्र ग्रहण                                    *ग्रस्तोदित खग्रास  चंद्र ग्रहण*    (मधुसूदन मिश्र ,पण्डित ज्योतिर्माली एवं  सुपुत्री  सुश्री ज्योतिर्लता ) के अनुसार आगामी कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा भरणी नक्षत्र - मंगलवार ,8 नवम्बर  2022 को चन्द्रग्रहण  लगेगा। भारत मे यह चन्द्र ग्रहण दखाई देगा
इस  चंद्र ग्रहणका   प्रारम्भ भारत में  किसी भी  स्थान से  दिखाई नहीं  देगा। क्योंकि चंद्रोदय  
होने से पूर्व ग्रहण प्रारम्भ हो जाएगा ।  "खग्रास चन्द्र ग्रहण" का मोक्ष पूर्वी भागो में ही दिखाई पड़ेगा* । भारत में भारतीय मानक  समयानुसार ग्रहण का प्रारंभ  दिन में 02 बज कर 39 मिनट ,मध्य दिन में 04 बज कर 29 मिनट तथा मोक्ष 06 बज कर 19 मिनट पर होगा।  कोलकाता में
4.52 pm पर ग्रहण लगा  हुआ चन्द्रमा दिखेगा
6.19 pm पर मोक्ष होगा  ।
सूतक का मान ग्रहण से 9 घंटा पूर्व  से मान्य होता है
 सुश्री राजकुमारी मिश्रा *ज्योतिर्लता* के अनुसार
 *ग्रस्तोदित खग्रास चंद्रग्रहण*  भारत के इन  प्रमुख स्थलों पर मोक्ष  दृश्य होगा  
अगरतल्ला,आइजोल, भागलपुर, भुवनेश्वर डिब्रूगढ़  दार्जिलिंग गंगटोक ,गुवाहाटी , गया, हजारी बाग,  कोहिमा ,  कोलकाता,  मुजफ्फरपुर,  पटना,  पूरी,  रांची,  सिलीगुड़ी ,  तमिलांग
 *ग्रहण  का फल*:
मिथुन,कर्क,वृश्चिक, कुम्भ,  के लिए शुभ फल दायक शेष राशि वालो को कुछ अनिष्ट की आशंकाएँ रहेंगी
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Monday, 20 June 2022

पिता आकाश की छाया : पण्डित ज्योतिर्माली

पिता जैसा संसार मे कोई नहीं हो सकता पिता की छाया जिसके सिर पर हो वह परम भाग्य शाली व्यक्ति होता है मैं पिता के संजोए संस्कार से ओत प्रोत हूँ। तभी आज तक निज की सेवा की चिंता न करके देश और समाज की सेवा करते हुए सिटिज़न शिप की श्रेणी में पहुंच गया हूँ।
जनसंघ से बीजेपी तक की सफर तय करके भी आज तक किसी निजी दल का सिम्बल न पा सका , किसी खास नेता का खास न बन पाया क्योंकि जन मानस की सेवा का लक्ष्य प्रथम रखता रहा।
दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से एक दो वर्ष नही अपितु लगभग 45 वर्ष जन समुदाय की सेवा करता हुआ व्यतीत कर के किसी भी दल का मोहताज नही हूँ।
यह मेरे पिता की विरासती देन का परिणाम है कर्म करो फल की इच्छा मत करो।
"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन । मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥"
पिताजी का संदेश और निर्देश को हमने भगवान का आदेश समझकर जन सेवा विश्वमित्र,जनसत्ता,पत्रिका, सन्मार्ग, प्रभात खबर, सहारा,सबरंग और विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में अपना समय खोता रहा। लेकिन, आज मैं खुश हूं कि अनजाने में या जाने में मैं भी देश की सेवा का एक सदस्य रहा हूँ।
पिता से बढ़कर दुनिया मे कोई भी आप का हितैसी नही बन सकता है चाहे वह जितना अधिक निकटतम प्रेमी ही क्यों न हो । जै भारत ,जै गुरुवर, महादेव ।
पंडित ज्योतिर्माली
कोलकाता 

Saturday, 7 May 2022

9 मई दहशत या हकीकत? : पण्डित ज्योतिर्माली

9 मई दहशत या हकीकत?

मधुसूदन मिश्र, पण्डित ज्योतिर्माली
पुतिन की आक्रामक सेना आजतक यूक्रेन जैसे छोटे देश पर अपना कब्जा नही कर पाया। पर विश्व देख रहा है कि किस तरह एक छोटा सा देश कैसे आज शेर की तरह दहाड़ रहा है। पुतिन के पास जो पावर है वह जेलेन्सकी के पास नही थी। पर चंद्रमा मंगल की युक्ति जेलेन्सकी की कुंडली मे प्रबल है। पुतिन के पास हाई टेक्निक लड़ाकू दस्ते है, रमदान कदिरोफ जैसे खूंखार सेनाओं के दल हैं पर जीत अभी भी मुट्ठी से रेत की तरह फिसलती ही जा रही है।
खबरे आ रही  हैं कि 9 मई को रूस विजय दिवस मनाता है। तो इस बार क्या होगा?  साल 2022 के दिन क्या रूस यूक्रेन से लड़ता भिड़ता ही रह जायेगा या इस वार रूस के इतिहास में विजय दिवस पर्व पर एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। 
वृष राशि के पुतिन 11 अप्रैल 2022 से अधिक आशंकाओं से घिर चुके हैं। मस्तिष्क तेज होने के बावजूद उलझ चुका है। दुसरो पर पैनी दृष्टि रखने वाले पुतिन अब खुद स्वयं पर ही किन्ही कारणों से शंका करने लगे हैं। आत्मविश्वास कही न कही खोखला हुआ है। जिसके कारण दुसरो पर न चाहते हुए भी उन्हें भरोसा करना पड़ रहा है। ऐसे में कदिरोफ जैसे लोग पूर्णतया फायदा उठाने को लालायित रहेंगे। कदिरोफ की सेना जैसे जैसे ध्वस्त हो रही है वैसे वैसे जीतने की सनक और हारने का डर सता रहा है। 
उधर जेलेन्सकी घुटने टेकने की सीढ़ी से बहुत आगे बढ़ चुके हैं। उन्हें अपना देश को फिर से खड़ा करना है। इसके लिए उनकी शतरंजी चाल धीरे धीरे रंग ला रही है। जेलेन्सकी की आँखे अभी भी अपने लक्ष्य पर ही टिकी हैं। साम दाम दंड भेद की राह पर दोनो देश के राष्ट्रपति है पर 9 मई का सूर्य जेलेन्सकी की ओर प्रकाश डालेगा पर जैसे सूर्य मध्यान्ह पर पहुंचेगा वैसे ही एक बार लगेगा कि पुतिन कुछ ऐसा कर देंगे जिससे युद्ध का दृष्टिकोण ही पलट जाएगा पर दूर के ढोल   कैसे बजेंगे ये लोग जरूर देखेंगे। रूस की आधी जनसंख्या पुतिन के इस जंग के खिलाफ है तो वही देश को विस्तारवादिता के पक्षधर भी हैं।
 रूस 9 मई को द्वेष के साथ कड़े मन से परंपरा निभाएगा पर जेलेन्सकी का सितारा और बुलन्द होता नजर आएगा। अतः युद्ध अभी भी चलेगा। हमने अपने पिछले लेख में यह स्पष्ट कर दिया था कि पुतिन के ग्रह नवम्बर 2022 तक मतिभ्रम की स्थिति में रहेंगे जिससे विश्व मे तनाव की स्थिति यथावत बनी रहेगी।

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Thursday, 21 April 2022

फ्रांस का अगला राष्ट्रपति कौन?? :पण्डित ज्योतिर्माली

फ्रांस का अगला राष्ट्रपति कौन??

:पण्डित ज्योतिर्माली

फ्रांस के राष्ट्रपति पद के दावेदार इमानुअल मैक्रॉन ओर ले पेन के बीच है। दो चरणों मे पूरा होने वाला यह चुनाव 24 अप्रैल 2022 को पूर्णता की ओर अग्रसर होगा।
तत्कालीन राष्ट्रपति श्री मैक्रॉन 4 अंक के व्यक्ति हैं। राष्ट्रपति पद की दूसरी उम्मीदवार ले पेन 4 अंक से ही जुड़ी हुई है।
मकर लग्न मेष राशि मे जन्म लेने वाले 21 दिसंबर 1977  को जन्मे मैक्रॉन की राहु की महादशा चल रही है। ऊपर से शांत दिखने वाले इमानुएल मैक्रॉन असल मे कुटनीति के विशेषज्ञ है। साम दाम दंड भेद की रणनीति लेकर चलने वाले मैक्रॉन सरल है तो प्रशांत किशोर की तरह सफल रणनीतिकार भी हैं। राहु में सूर्य का अंतर संघर्ष दिखाता है तो वही मैक्रॉन मज़े हुए खिलाड़ी की तरह अपनी चित पट मेरी करके बाज़ी मार लेने में माहिर हैं। 
वही ले पेन 5 अगस्त 1968 को मकर राशि मे जन्मी और वकालत जिसका पेशा है कही न कही इसबार भी पिछड़ने के योग दिखता है। अपनी पार्टी  को एक ऊंचाई तक पहुचाने वाली ले पेन मैक्रॉन से जीतने में उतनी सक्षम नही दिख रही हैं। उनके ग्रह उनके लिए तो सशक्त हैं पर देश की सेवा का मौका अभी नही मिल पाएगा। 
मैक्रॉन की रणनीति के आगे स्वयं को कुछ बौना सा महसूस करेंगी। मैक्रॉन के लग्न पर वक्री मंगल की दृष्टि पड़ रही है। वही नीच का वृहस्पति लग्न में बैठकर उन्हें जीत हासिल करवा ही देगा। देश के प्रति उनकी जागरूकता फ्रांस के लोगो के दिल मे कुछ बस गई है। जिस कारण उन्हें एकबार फिर जीत का मुह देखने को मिलेगा।  
मैक्रॉन का युवा होना भी देश को आगे बढाने में सहयोग करेगा। युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत बनेंगे।

Wednesday, 16 March 2022

योगी जी का राज्याभिषेक: पण्डित ज्योतिर्माली

*योगी जी का राज्याभिषेक*
:पण्डित ज्योतिर्माली
उत्तरप्रदेश के यशश्वी, निर्भीक, न्याय के पक्षधर, जनता के लिए मसीहा बने क्षत्रिय से योगी स्वरूप में अवतरित आदित्यनाथ जी एक नया इतिहास रच कर भारत के राजनीतिक गलियारे में सबको अचंभित करनेवाले बाबा आदित्यनाथ जी लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेगें।
मुझे अधिक खुशी है क्योंकि मैंने अक्टूबर 2021 में ही आदित्यनाथ योगी जी को उत्तरप्रदेश का एक सफल मुख्यमंत्री बन जाने की भविष्यवाणी कर दी थी। जबकि विभिन्न समाचार पत्रों, न्यूज चैनेलो की टीम 2022 जनवरी से मार्च 2022 तक  एक्जिट पोल के सहारे सरकार और आम जनता के लिए सिरमौर बन कर नित्य नई नई एक्जिट पोल के सहारे चुनावी भविष्यवाणियां करते नही थकते थे।
जबकि ज्योतिष विद्या में यह निश्चित हो गया था कि कौन किस प्रदेश से कौन प्रत्याशी चुना जाएगा या मुख्यमंत्री बनेगा।
लेकिन सबको मीडिया पर कौतूहल अच्छा लगता है। किसी अच्छे नामधारी ज्योतिषियों पर शीघ्र विश्वास नही हो पाता; पता नही क्यों ? 
यही नही जोगी जी कब शपथ ग्रहण करेंगे इसपर भी भारी सस्पेंस बन चुका था। आनन फानन में कुछ विद्वानों ने 12 मार्च को शपथ लेने की घोषणा कर दी थी। जबकि ऐसा सम्भव नही था। होलाष्टक 10 मार्च को ही लग चुका था फिर 12 मार्च को शपथ लेना उचित नही था। क्योंकि एक मुख्यमंत्री के साथऔर कौन अति विश्वसनीय जोड़ीदार सह मुख्यमंत्री बनेंगे इसका विचार करना जरूरी था क्योंकि पहले के विश्वसनीय उप मुख्यमंत्री चुनाव में हार गए हैं। यह भी एक आश्चर्यजनक खेल हो गया लेकिन जोगी जी जिसका हाथ /साथ पकड़ते हैं उसके लिए क्या अच्छा होगा सर्वसम्मति से बीजेपी के अन्य मंत्री गण आपस मे मिलजुल कर परामर्श से मंत्रियों का चयन किया जाता है। क्योंकि यह बीजेपी एक संगठित पार्टी है पाकेट या पारिवारिक   दल की पार्टी नही है।
जो भी हो बीजेपी को खूब सावधानी बरतनी ही पड़ेगी क्योकि ,हारे हुए *शेर भालू* बीजेपी के सबका साथ सबका विकास की रुप रेखा पर पहले से भी अधिक आक्रामक बनेंगे। 
इसलिए अहंकार और बदले  की भावना का तिरस्कार करना होगा तभी जनता के अनुरूप बीजेपी स्वतंत्र रूप से भारत देश के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम होगी।

अब रही जोगी जी के शपथ ग्रहण की बात- तो उनके लिए सम्बत 2078 ,चैत्र कृष्ण, 3/4तिथि  सोमवार , स्वाती नक्षत्र, छत्र योग, सपथ लेने के लिए अच्छा मुहूर्त है। लेकिन दिनांक 22 मार्च 2022  रगपंचमी,तिथि दिन मंगलवार ,विशाखा नक्षत्र, श्री वत्स योग, का मुहूर्त  भी श्रेष्ठ है
यदि इस मुहुर्त में श्री आदित्यनाथ योगी जी  सपथ लेते हैं तो आगामी 5 वर्षो तक अपने कार्यों में पूर्ण सफल  होंगे ही और निर्विघ्न  विपक्षी दलों को मात करते  रहेंगे आने वाले विभिन्न संकटो से हमेशा सुरक्षित रहेंगे।
वैसे योगी जी पूर्णतः योगी स्वरूप हैं। आप के लिए वही मुहुर्त श्रेष्ठ होगा जिस मुहुर्त को खुद चयन कर लेंगे। क्योंकि शास्त्र मत यह भी है कि जो सन्यासी बन जाता है उसकी आत्मा  ईश्वरमय हो जाती है।
मेरी कई भविष्यवाणियों की अन्य मंत्रियों ने कई बार सराहना की है। इसलिए बीजेपी के गणमान्यजन को अच्छे मुहुर्त में उत्तरप्रदेश के योगी जी को शपथ दिलावें तो सर्वोत्तम होगा।

Monday, 14 March 2022

Punjab ka Chief Minister 2022: Pandit Jyotirmalee

Election Result 2022
Read out what Astrologer Pandit Jyotirmalee had to say on Punjab Assembly election 2022
Pandit Jyotirmalee
पंजाब 
पंजाब राज्य का चुनाव इस बार एक नया इतिहास रचने जा रहा है। कांग्रेस, आप, भाजपा और दूर खड़ी अकाली दल के उम्मीदवार रण में अपना प्रदर्शन दिखा रहे हैं। लेकिन यहां असली लड़ाई कांग्रेस, भाजपा और आप के मध्य ही है। जिसमें चन्नी जी का भाग्य मजबूत तो है जो रातोंरात उन्हें एक ऐसी गद्दी पर विराजमान करवा दिया जिसकी कल्पना उन्होंने शायद अपने सपने में भी नहीं की होगी। दशम भाव पर शनि की दृष्टि पड़ने से अकस्मात योग बना और द्वन्द के मध्य उन्हें अकल्पनीय सिंहासन की प्राप्ति हो गई। अब सवाल उठता है कि संयोगवश बनने वाले मुख्यमंत्री चन्नी दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगें। वहीं भंगवंत मान को आप पार्टी के मुखिया श्री अरविंद केजरीवाल ने जो मान उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर मान दिया है उसका मान क्या भगवंत मान रख पाऐंगें। भाजपा की कुंडली पर दृष्टि डालने से यह ज्ञात होता है कि पंजाब में भाजपा  प्रायःनगण्य स्थिति में रहेगी। वहीं असली लड़ाई आप और कांग्रेस के मध्य है। जहां मतदाता एक ओर आप को पुरानी भाषा में कहा जाए तो एक चांस इसको भी देकर देखते हैं। दिल्ली माडल पंजाब में कहीं न कहीं लोगों के दिमाग में घर कर चुका है। दोनों पक्षों को अगर तुलनात्मक रुप में देखें तो चन्नी के मुख्यमंत्री बनने का योग कम दिखता है तो आप पार्टी रेस में बहुत आगे निकल जाएगी। फलस्वरुप पंजाब राज्य में रस्साकशी की स्थिति पैदा हो जाएगी। जहां कांग्रेस पार्टी की सीटों में कमी जरुर आएगी और आप पार्टी आंकड़ों में बहुत आगे निकल जाएगी।लगता है भगवंत मान मानरख पायेगे। अंतत:  ग्रह ऐसे संकेत कर रहे हैं आप बहुमत के करीब होगी, सरकार गठन करने की स्थिति में होते दिखेंगें।

Bhavishyadrsta Ki Drishti Me: Pandit Jyotirmalee

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Election Result 2022
Read out what Astrologer Pandit Jyotirmalee had to say on UTTAR PRADESH Assembly election 2022

UTTAR PRADESH
उत्तर प्रदेश
भारत में पांच राज्यों के चुनाव तकरीबन हो चुके हैं। देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश जहां 403 विधानसभा की सीटें हैं, जहां देश की सबसे बड़ी पार्टियां अपने भाग्य आजमाती हैं। पर उत्तर प्रदेश है जहां बड़े बड़े पटखनी खा जाते हैं तो छोटे छोटे उम्मीदवार भी बड़े बड़े वोटों से बाजी मार ले जाते हैं। इस बार सपा और भाजपा के सितारे चुनावी गर्दिश में हैं। अखिलेश बनाम योगी बाबा हर किसी की जुबान पर है। कुछ अंधभक्त बहन मायावती को अब भी दिल खोलकर चाहते हैं। ज्योतिष के अनसार, बाबा की कुंडली में केतु ग्रह की महादशा चल रही है। योगी आदित्यनाथ जी की कुंडली में दुबारा मुख्यमंत्री बनकर भाजपा का परचम लहराने का योग पूर्णतया है। यह इतिहास ही रचा जाएगा। जब योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री के पद को सुशोभित करेंगें। धार्मिक कार्यों के बल पर सपा तंज कस रही है कि भाजपा कैसे आएगी। पर योगी आदित्यनाथ की कुंडली कहती है कि वे दोबारा आएँगें। सीटों की संख्या पर ध्यान केंद्रित करें तो अनुमानत: 199- 289 के मध्य आकर भाजपा सांस लेगी। वहीं अखिलेश यादव जो 2017 में बहुत पिछड़ गए थे इसबार अपनी भाजपा के साथ रेस लगाकर अपने आप को बहुत हद तक सशक्त कर पाऐंगें। सीटों की बात करें तो सपा लगभग 95- 134 के मध्य गणना टिक सकती है। 
बहनजी के खाते में अंधभक्तों की ही सीट आ पाएगी। हिसाब अब आप खुद ही लगा लीजिए। कांग्रेस पहले से भी ज्यादा नाकाम रहेगी।
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कांग्रेस परिवार में पराजय क्यों??: पण्डित ज्योतिर्माली

" कांग्रेस परिवार में पराजय!क्यों"
--(पण्डित ज्योतिर्माली )                      हम सब वाकिफ हैं कि कांग्रेस क्यों आज फफक फफक कर रोने को विवश हो गयी है जिस दल का आज़ादी के बाद से 2014  तक प्रायः एक छत्र शासन हुआ करता था ,अब उसके दल की दिन पर दिन सर्वत्र हार होने से कांग्रेस प्रेमियों को भारी दुःख और भविष्यअंधकार मय दिखाई दे रहा है। आज चुनाव में जमानत जब्त होने का संकेत क्या है ?
वैसे कांग्रेस पार्टी बुरी पार्टी नहीं थी। उस पार्टी को बर्बाद करने मे खुद गांधी परिवार का दोष समझ मे आता है श्री मोदी जी के ही शब्दों में--परिवार वाद, पुत्रमोह, जातिवाद,और  अल्पसंख्यको के इशारे  पर विदेशी नीति को सरेआम लागू करते हुए ,हिंदुत्वका निरादर करना, दिन पर दिन कांग्रेस दल अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारती आ रही है।
विश्वास न हो तो "भविष्यद्रष्टा की दृष्टि में--पंडित ज्योतिर्माली की भविष्यवाणीयां" पुस्तक को उठा कर पढ़ कर खुद देख लें कैसे -
कांग्रेस को बार- बार चेताया गया था लेकिन कांग्रेस को अपने इर्द गिर्द चमचों के आगे हर शुभ चिंतको की सलाह ओछी लगती थी।
सोनिया गांधी प्रधान मंत्री कभी नही बनेगी  यह बात कई बार पंडित ज्योतिर्माली लिख चुके थे, लेकिन राहुल बाबा और प्रियंका बाड्रा की राजनैतिक कैरियर गिरती हुई कांग्रेस की शाख में आगे के लिए धुंआ में सिमटता नजर आ रहा है।
कांग्रेसी परिवार में अब एक भी ऐसा सदस्य नही दिखता है जो डूबती कांगेस की नाव को बचा सके। कहावत है-  
"जैसी करनी वैसी भरनी"
:पंडित ज्योतिर्माली 

Wednesday, 2 March 2022

महायुद्ध के पीछे क्या है पुतिन का षड्यंत्र? पण्डित ज्योतिर्माली

पुतिन या जेलेंस्की किसकी मंशा पूरी होगी?
ज्योतिषाचार्य मधुसूदन मिश्र, “पं. ज्योतिर्माली”
विश्व में छिड़े महासंग्राम जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। 24 फरवरी 2022 की सुबह यूक्रेनवासियों के लिए किसी सदमे से कम नहीं था। शांति और सहजता के प्रतीक पुतिन का रुख इस प्रकार करवट लेगा यह किसी ने नहीं सोचा था। यूक्रेन की जिद और नाटो में शामिल होकर बड़े सैन्य बल की सूची में अपना नाम दर्ज कराने की हड़बड़ाहट ने रुस को कहीं न कहीं लाचार और बेबस होकर हमले की प्रक्रिया को अपनाने के लिए मजबूर किया। रुस का युद्धाभ्यास से अचानक हमलावर हो जाना विश्व को अचम्भित करने वाला था। अब यूक्रेन अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है और रुस अपना वर्चस्व दिखा रहा है। क्या ये युद्ध तीसरे विश्वयुद्ध की आहट है। इस युद्ध का अंजाम क्या होगा। रुस अपनी रणनीति में सफल होगा या यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अपने मकसद में सफल होंगें। क्या अमेरिका और रुस खुलकर आमने सामने आएंगें। क्या ये शक्तियां आपस में टकराएंगीं। रुस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन ने 24 फरवरी 2022 को 08 बजकर 24 मिनट पर युद्ध की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घोषणा कर दी। इसके बाद यूक्रेन दूसरे ही दिन ही धराशायी हो गया। आत्मबल से किसी भी युद्ध को जीता जा सकता है यह यूक्रेन के जेलेंस्की ने साबित कर दिया है। 
7 अक्टूबर 1952 को जन्मे ब्लादीमीर पुतिन वृष राशि कृतिका नक्षत्र के व्यक्ति हैं। उनकी कुंडली में शनि में वृहस्पति की दशा चल रही है। यूक्रेन पर अपना दबदबा दिखाने के बावजूद 27 फरवरी 2022 से रुस यूक्रेन की लड़ाई और अधिक भयावह रुप ले सकती है। वैश्विक मंच अपनी रणनीति बनाने लगेगा। संभवत: नाटो रुस के आमने सामने आ डटे। नाटो के सभी देश यूक्रेन को सहयोग देने पर एकमत होते नहीं दिखेंगें। जिससे स्थिति को संभालने में मुखिया देश अपनी भागीदारी पूर्ण करते नजर आएगें। पुतिन की मंशा अमेरिका से आगे बढ़ जाने की है। चीन, अमेरिका और रुस के मध्य चल रहा आतंरिक द्वन्द जिसमें स्वयं को विश्व का सबसे सशक्त और ताकतवर देश बनकर उभरने की लालसा बनी हुई है। अमेरिका को सुपर पावर के शीर्षस्थ पद से पदच्यूत करने की है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जो सिर्फ बड़ी बड़ी बातें कर सकते हैं। उनकी मंशा स्पष्ट है कि उन्हें अपने फायदे के अलावा किसी और के बारे में नहीं सोचना है। वैसे पुतिन की मानसिक अस्वस्थता 24 नवम्बर 2022 तक बनी रहेगी। इस बात को समझें तो पूरा साल ही युद्ध सम संभावित स्थिति बनती बिगड़ती रहेगी। पुतिन के सप्तम भाव में वृहस्पति विद्दमान है तो वहीं वृहस्पति की सीधी दृष्टि लग्न भाव पर पड़ रही है। जिसका तात्पर्य है पुतिन का स्वाभिमान समय के साथ अहंकार में तब्दील हो चुका है। सर्वश्रेष्ठ बनने की चाहत अमेरिका को झुकाने की आकांक्षा स्पष्ट रुप से झलक रही है। संभवत:  2 मार्च 2022 को एक छोटा सा योग बनता है जिसमें युद्ध स्थगित होने की बात बनती दिखाई देगी। परन्तु ग्रहों की चाल कुछ और ही संकेत दे रही है। ऐसे में कर्क राशि के जेलेंस्की बातों और भाग्य के धनी हैं परन्तु उनके सहयोगी, उनके कर्मचारी और उनका भाग्य ही कभी कभी उन्हें धोखा दे देता है। जिसप्रकार सत्ता सुख अचानक प्राप्त हुआ उसीप्रकार अचानक रातोंरात सत्ता छीन सी भी गई है। चंद्रमा मंगल होने से परिस्थितियां जलेंस्की के हाथों से निकल भी जाती है। वक्त के साथ समझौता और सही वक्त का इंतजार जलेंस्की की अंदरुनी ताकत है।जिसे वो जगजाहिर नहीं करते हैं। चंद्रमा की दशा में उठा पटक देखने वाले जेलेंस्की अब नई रणनीति के तहत काम करने वाले हैं।  उनकी उम्र मात्र 44 वर्ष की है पर अपने अनुभवों से सीख लेने वाले जेलेंस्की अभी झुक रहे हैं संधि का प्रस्ताव दे रहे हैं -मजबूरी में, अपने देश को बचाने के लिए उनका यह कदम भी रणनीति का एक हिस्सा है। पुतिन की हर चाल से अंजान जेलेंस्की ने मुसीबत को ना कहकर दलदल में कदम तो रख ही दिया है। इस भयावह युद्ध का परिणाम संधि नहीं हो सकता है। ग्रह ऐसे संकेत नहीं दे रहे हैं। शनि मंगल जहां एक साथ हों और राहु की प्रबल दृष्टि पड़ रही हो ऐसे में भला शांति और संधि असम्भव ही दिखती है। युद्ध रुक रुक कर ही सही पर दीर्घकाल तक चलेगा। यूक्रेन खंडित अवश्य हुआ है पर टूटा नहीं है। उसमें अब भी वह अदम्य शक्ति है कि वह वक्त की गति को भांपकर उठ खड़ा होने की क्षमता रखेगा। कहीं न कहीं यह बात बाद में खुलकर सामने आएगी कि जिस सलाहकार की बात मानकर जेलेंस्की ने नाटो में जाने की बात को लेकर अड़ियल रवैया अपना लिया था और रुस के सामने हुंकार भरने का दुस्साहस कर उसे चुनौती देना उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल साबित हुई। उनके इसी फैसले के कारण उनके देशवासी, बाहर से आए विद्दार्थी सभी को अचानक एक सुबह संकट का सामना करने को मजबूर होना पड़ा। देश को बर्बाद कर देने वाला यह आत्मघातक निर्णय इतिहास में सदैव के लिए दर्ज हो गया। बड़े बड़े देशों ने आकाश मार्ग पर रुस के लिए प्रतिबंध नाममात्र का लगाया है। फलस्वरुप रुस ने भी उनके लिए अपने आकाश मार्ग को बंद कर दिया। परिणाम क्या निकला। 27 मार्च 2022 तक स्थिति संकटपूर्ण रहेगी। विनाशकारी संघर्ष विकट रुप ले सकता है। 18 अप्रैल 2022 के आसपास संधि पर रुस विचार करने की इच्छा जता सकता है। साथ ही पलट जाने की रणनीति मन में दबाकर रखेगा।
जलेंस्की को पुतिन उन्हें तड़पाकर संधि का प्रस्ताव रखेंगें तो ऐसे में पहली शर्त यही होगी कि यूक्रेन लिखित दे कि वह नाटो के साथ कभी भी शामिल नहीं होगा। जैसे हवा में आक्सीजन रहे पर श्वांस कार्बन डाई आक्साइड की लेनी होगी। ऐसे में यूक्रेन के नाममात्र के राष्ट्रपति क्या करेंगें। संधि करने के पश्चात धोखा देंगें तो परिणाम बिना कुछ किए वो और उनका देश भुगत ही चुका है। 13 मार्च 2022 को दोपहर 12 बजे के बाद भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर मोदी रुस के राष्ट्रपति पुतिन से संधि वार्ता करने की पहल फिर कर सकते हैं। तबतक बहुत कुछ उजड़ चुका होगा। पुतिन उम्र और अनुभव दोनों में ही बड़े हैं साथ ही एक बड़े साम्राज्य को चलाने का इतिहास भी रच चुके हैं। जेलेंस्की, की उम्र, देश और अनुभव तीनों ही पुतिन के आगे बौनी हैं। पुतिन एक मजे हुए कूटनीतिज्ञ हैं तो साम, दाम दंड भेद की नीति में भी महारत हासिल है। कभी स्वयं गुप्तचर विभाग में काम कर चुके पुतिन का अनुभव बहुत गहरा है और नीति, रणनीति, कूटनीति मजी हुई है। ऐसे में बेबी यूक्रेन ने बच्चों की तरह हड़बड़ी मचा कर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। नाटो का सदस्य न होने के कारण अलग थलग पड़ गए जेलेनस्की विश्वमंच पर असहाय और गलत धारणाओं के शिकार हो गए थे। आज भी उनके सलाहकार उन्हें सही रणनीति नहीं बता पा रहे हैं। खंडहर हो चुके यूक्रेन पर पुतिन का कब्जा होना कोई बड़ी बात नहीं है। 70 वर्षीय पुतिन को इस समय अपने देश को सुपरपावर घोषित करने की चाह जग चुकी है। विस्तारवादी नीति रुस के दिमाग में घर कर चुकी है। चीन सामने से रुस का साथ न देकर पीछे से सहयोग करने का आश्वासन देगा। चीन की ड्रैगन रणनीति से रुस भी धोखा खा सकता है। क्योंकि चीन अपनी रणनीति में ना तो किसी को सेंध लगाने देगा और ना ही कहीं सेंध लगाने से बाज़ ही आएगा। ऐसे में चीन को अपना दोस्त समझकर बहुत हड़बड़ाहट में पुतिन का कदम उनके लिए ही भविष्य में सिर दर्द बन सकता है। चीन की दुधारी तलवार पर रुस अपनी गर्दन कितने दिन तक टिका पाएगा। उसे समझना होगा कि चीन अविश्वसनीय है। जेलेंस्की का भाग्यभाव में ऐसा उतार चढ़ाव है कि उनके साथ कब क्या हो जाए अच्छा या बुरा उन्हें भी बहुत बार समझ में नहीं आएगा। लगेगा कि नाटो साथ नहीं देगा पर 30 देशों में से कुछ देश अपने फायदे के लिए यूक्रेन का साथ देने के लिए आगे कदम बढ़ाऐंगें। जिनमें फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे कुछ और देश मदद के लिए आगे बढ़ सकते हैं। जिससे छुपा हुआ चीन अपनी अलग ही रणनीति बनाने में जुट जाएगा। 
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Thursday, 24 February 2022

रूस यूक्रेन युद्ध कबतक? पण्डित ज्योतिर्माली

*रसियन पुतिन पर भूत सवार है* रशियन सेनाओं के तीब्र *आक्रमण से यूक्रेन पर आक्रमण *निंदनीय*है यूक्रेन की
*कीव राजधानी* को तहस नहस करने की चेष्टा में है पुतिन। 
रूस पूरे विश्व मे अपनी ताकत का दहसत फैलाने में सक्रिय हो रहा है।
रसिया का लक्ष्य यूक्रेन की सैन्य शक्ति को नष्ट  करना है। इससे उनको  क्या लाभ होगा ? यही न कि यूक्रेन पर उसका कब्जा हो जायेगा, लेकिन मानव संघार करके । वह *हिटलर* की भांति  प्रसिद्धि पाना चाहता है फिर तो *पुतिन के सिर पर हैवानियत सवार है*
तभी तो वह किसी की प्रार्थना नही सुन रहा है *विनाश काले विपरीत बुद्धि*
अंहकार शक्ति का किसके लिए,धन का घमंड कब तक रहेगा
अंत मे पुतिन का अहंकार चूर होगा 
लेकिन तब तक विश्व मे भारीतबाही होजाएगी पुतिन भारत के प्रधानमंत्रीश्री नरेन्द्र मोदी जी की बात जरूर सुनेंगे लेकिन कब जब लगभगआधी तबाही हो जाएगी विश्व मे आर्थिक ढांचा डगमगा सकता है
जो हो  *रूस और यूक्रेन के बीच समझौता इतना आसान नही है । *यह युद्ध भयावह नतीजा का प्रतीक है*      ज्योतिर्माली
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