21 जून को लगेगा सूर्य
ग्रहण
मधुसूदन मिश्र, “ज्योतिषाचार्य पंडित ज्योतिर्माली”
संवत् 2077, शाके
1942, आषाढ़ कृष्णपक्ष अमावस्या, रविवार को मृगशिरा नक्षत्र पर मिथुन राशि में 21
जून को सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण सम्पूर्ण भारत में दृश्य होगा। भारत के उत्तरी
पर्वतीय क्षेत्रों जैसे देहरादून, उत्तर पश्चिम, उत्तर पूर्व चमोली, जोशीमठ,
नैनिताल, उत्तर काशी जैसे इलाकों में ग्रहण का दृश्य कंकणाकीर्ति के रुप में दिखाई
देगा। इसके अलावा चीन, पाकिस्तान, सेंट्रल अफ्रीका, दक्षिण पूर्व यूरोप और
इंडोनेशिया में दिखाई देगा। भारतीय मानक के अनुसार ग्रहण का प्रारम्भ सुबह 9 बजकर
16 मिनट पर होगा। मध्य 12 बजकर 10 मिनट पर होगा और मोक्ष 3 बजकर 4 मिनट पर होगा।
कोलकाता का समय सुबह 10 बजकर 46 मिनट पर प्रारम्भ होगा। मध्य 12 बजकर 36 मिनट पर
और मोक्ष दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर होगा। ऐसी मान्यता है कि सूर्यग्रहण के 12 घंटे पहले
सूतक लग जाता है। सूतक लगने के पूर्व ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। भोजन
एवं शयन आदि क्रियाएं वर्जित होती हैं। कुछ भी खाना पीना वर्जित होता है। ग्रहणकाल
के दौरान अधिकतर लोग अपना समय आध्यात्म, योग, जप –तप जैसी क्रियाओं में व्यतीत
करते हैं। कहा जाता है कि इस समय की गई साधना जप तप जैसी चीजें सिद्ध हो जाती हैं।
इस समय आध्यात्म में व्यतीत किया गया समय शुभफलदायी होता है। ऐसे समय में गर्भवती
महिलाओं को चाकू जैसी नुकीली चीजों को छूने से परहेज करना चाहिए अन्यथा इसका असर
नवजात पर पड़ता है। ग्रहणकाल में गर्भवती महिलाओं को शयन नहीं करना चाहिए। किसी
धार्मिक पुस्तक का अध्ययन अथवा मंत्र जाप करना शुभ होता है। सूर्य ग्रहण समाप्त
होने के उपरांत गंगा जैसी पवित्र नदियों में लोग डूबकी लगाकर पवित्र होने की
परंपरा है। सूतक काल 20 जून की रात भारत में 09 बजकर 16 मिनट पर लगेगा और कोलकाता
में 10 बजकर 45 मिनट पर लगेगा। साल 1995
में 24 अक्टूबर के दिन ऐसा ही सूर्य ग्रहण लगा था। जिसमें रिंग नुमा आकृति उभर कर
आई थी। जिसे पैसिफिक रिंग आफ फायर की संज्ञा दी गई थी। दिन के समय अंधकार छा गया
था। देश विदेश के वैज्ञानिक इस दृश्य को देखने के लिए महीनों पहले से भारत में
अपना डेरा जमा लिए थे। 21 जून 2020 के दिन होने वाले सूर्य ग्रहण का प्रभाव विश्व
पर आंशिक प्रभाव पड़ेगा। कोरोना से विश्व को इस ग्रहण के उपरांत भी पूर्णतया
मुक्ति मिलनी अभी संभव नहीं है। 17 अप्रैल 2020 को हमने अपने लेख – कोरोना का आतंक
कब तक- में यह स्पष्ट कर दिया था कि कोरोना महामारी विश्व पर यूंही छायी रहेगी।
अगले वर्ष होली के बाद स्थिति कुछ सामान्य होगी।
21 जून को होने वाला
सूर्य ग्रहण ज्योतिष की दृष्टि से मेष, सिंह, कन्या और तुला राशि के लिए यह ग्रहण
शुभफलदायी रहेगा किन्तु शेष सभी राशिवाले लोगों के लिए कुछ हद तक कष्टकारक रहेगा। इसके
अतिरिक्त वृष, कर्क और वृश्चिक राशि वालों के लिए यह सूर्यग्रहण अनिष्टकारी फल देगा।
वृष राशि वाले
जातकों को धन के लेन –देन जैसे मामलों में सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। कर्ज लेने
से यथासंभव बचना उचित रहेगा। प्रापर्टी से जुड़े मामले में असावधानी बरतने से
संकटपूर्ण स्थिति हो सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखना ही बुद्धिमानी होगी।
कर्क राशि वाले
जातकों को अधिक जल वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए। वाद विवाद से बचना चाहिए। यथासंभव
दान पुण्य करना चाहिए।
वृश्चिक और मकर राशि
वाले जातकों को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा।
सूर्यग्रहण समाप्त
होने के उपरांत लोगों को स्नान आदि करने के बाद दान पुण्य का विधान है।
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