Sunday, 17 May 2020

बृषसंक्रान्ति का फल
मधुसूदन मिश्र,"पण्डित ज्योतिर्माली"

14 मई 2020 को सूर्य मेष से बृष राशि मे पधारे हैं साथ मे बुध शुक्र छटे स्थान में होने से राज्य सरकारें  असमंजस की स्थिति में रहेगी  जनता की आर्थिक दशाएं कमजोर होंगी क्योकि  द्वितीय भाव मे शनि  गुरु  का होना आर्थिक कमजोरी की बृद्धि कारक होगा कल कारखानों में काम काज ठप्प रहने से देश भर में एक नया हंगामा का श्री गणेश  सम्भव होगा मजदूर और उनकी रोजी रोटी की समस्याएं जटिल होंगी व्यपारी या नौकरी पेशे वाले लोगो की मुश्किलें बढ़ेगी उधर मजदूरों की दशा सांप छछुन्दर जैसी रहेगी । एक तो जहां से नौकरी छोड़ कर वापस अपने घरों में लौट चुके होंगे वहां फिर से जाने में दिक्कतें रहेंगी वापस दूसरे शहरों में जाना शायद असम्भव होगा ऐसी दशा में मोदी सरकार व  राज्य सरकारो के सामने बहुत बड़ी समस्या उतपन्न हो जाएगी ममता दीदी की मनोदशा भी किसी हद तक बिगड़ सकती है । एक तरफ कोरोना दूसरी तरफ मजदूरों को लेकर चिंता सताएगी। राज्य में महामारी कोरोना का असर और दो जाती कीआपसी लड़ाई लेकर भारी टक्कर को संभालने में स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। राज्यपाल औऱ ममता दीदी के बीच भी तनातनी की स्थिति बन सकती है।

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आज "कोरोना" पर प्रधान मंत्री मोदी जी और बंगाल की "सी एम ममता बनर्जी "ने मांना है कि कोरोना जो चीन से दुनिया भर को तोहफा में  मिला है अब वह
इतना शीघ्र भारत से भी नही जानेवाला है मुख्यमंत्री ममता ने कह दिया कि 3 महीना लगेगा यानी अगस्त तक का अनुमान मुख्यमंत्री भी लगा रही है  जबकि आपके अखबार में ही हमने कोरोना संकट से मुक्ति की तारीख घोषित की थी। मार्च अप्रैल में ही कहा था कि यह "कोरोना "बंगाल का प्रसिद्घ पर्व  विश्व कर्मा पूजा एवंग  दुर्गा पूजा पर भी कोरोना का बुरा असर कायम रहेगा लोग एक दूसरे से मिलने में झिझकेंगे घबराएंगे घरों से निकलना  व पूजा का आनन्द ले पाना बड़ा मुश्किल रहेगा। दुकान बाजार खुलने पर भी खरीदार कम होंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी  देश मे लॉक डाउन धीरे धीरे छूट देने की योजना बनाते रहेंगे। हां, जनता की आर्थिक स्थिति को नजर में रखते हुए 4 थे चरण में कुछ आवश्यक छूट देते हुए प्रतिबन्ध के साथ नौकरी और ब्यवसाय करने की दशा में दुकान पाट खोलने की तरफ ध्यान दे सकते हैं।

एक बात ध्यान में रखना होगा सरकारी नियमो का पालन करते हुए खुद का विवेक जरूरी होगा अन्यथा डॉक्टर मरीज को अस्पताल से छुट्टी तो दे देता है रोगी घर जाकर पथ्य पर ध्यान न देगा तो रोगी का रोग फिर से उभड़ जाता है  फिर अस्पताल में जाना पड़ता है।इसलिये-- "बाजार से कोरोना उड़ गया  " यह सोच भारी पड़ सकता है मनमानी से  खुद का जीवन खतरे में पड़ सकता है  इसलिए कहते हैं "(सावधानी हटी दुर्घटना घटी)" सर्वत्र की छूट से कोरोना सभी पर हावी  न हो ध्यान सबको रखना ही बुद्धिमानी होंगी।

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