मधुसूदन मिश्र, पंडित ज्योतिर्माली |
"विश्व मे कोरोना का आतंक और भारत के
असहाय मजदूर"
मधुसूदन मिश्र, पंडित ज्योतिर्माली
"कोरोना " महामारी का उत्पात हम
विश्व के प्रायः हर देश मे देख रहे हैं यह मानव के अहंकार और उसकी गलत नीतियों के
आविष्कार का परिणाम है जो एक देश से दूसरे देश और विदेश तक धुआं की तरह फैलता जा
रहा है हम चन्द्र लोक में झांक सकने की ताकत रखते हैं परंतु चाइना देश की छुआछूत
की वीमारी से रक्षा पाने की दुनिया के लोग औषधि खोज रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री
ने अपनी सूझ बूझ से विदेशियों की अपेक्षा भारत मे लाक डाउन लगा कर एक तरह से रोक
थाम की युक्ति को सही निर्णय कहा जायेगा परन्तु देश मे
कामगार मजदूरों की दशा पर भी विचार करना चाहिए था अब हम ग्रहों की फौज पर विचार
करें तो सच तो यह है कि मनुष्य ग्रहो पर आश्रित रहता है यह हम सभी ज्योतिषी गण
जानते हैं पर आम नागरिक इससे अछूता है हमारे गोस्वामी तुलसीदास जी रामचरितमानस में
कह गए हैं कि "सब को नचावत राम गोसाईं" यानी ग्रहो के बस में दुनिया है
जब 26 दिसम्बर 2019 को सूर्य ग्रहण लगा था उस समय आकाशीय
पिंड में 6 ग्रहो का एक साथ आगमन विचित्र ढंग से
हुआ था जिसके आधार पर ऊँच नीच अमीर गरीब सबके ऊपर प्राकृतिक आपदाओं का संकेत था
जनवरी में किरोना महामारी की सुगबुगाहट होने लगी थी। बाद में जब शनि 17 फरवरी 2020 को मकर राशि प्रवेश किया तबसे कोरोना का असर दिखने लगा मार्च 19 --2020
को जैसे ही गुरु अतिचार होकर मकर राशि मे आये तब से कोरोना का असर बृहद रूप
से फैलने लग़ा फ़िर वही हुआ अमीर गरीब सब के सब अपने अपने घरों में 20 मार्च 2020 से "जनता कर्फ़्यू" लगा कर कैद हो गए
विचित्र संयोग नीचस्थ गुरु के आने से बेचारे गरीब मजदूर मजबूर होकर सरकारी आदेश के आगे असहाय हो उठे फिर अफवाहों के दौर के आगे अपने घर परिवार की यादे सताने लगी राज्य सरकारें मदद करने का विज्ञापन खूब कर डालीं लेकिन उन असहाय मजबूर मजदूरों की कहानी सरकारी सहायता के विपरीत होते देख मजदूरों को हजार हजार मिलों का सफर पैदल करना पड़ रहा है महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग,नवजात शिशु और नवयुवक भी सबक़े सब भारत के विभिन्न गांवों में दिन रात चल कर सफर तय करना पड़ रहा है इसका कारण वही शनि गुरु ग्रह का संयोग ही है।
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