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क्या कहते हैं
सुशांत सिंह राजपूत के ग्रह
मधुसूदन मिश्र, “पंडित ज्योतिर्माली”
लग्न में शनि पर मंगल का विराजमान होना और उस पर राहु की दृष्टि का पड़ना अशुभ ही कहा जाएगा। इसी दिन बालीवुड अभिनेता सुशांत की नृशंस हत्या कर दी गई। जन्मकालीन मंगल भी शनि पर ही विराजमान होने से परिस्थितियां सदैव उनके जीवन में अनुकूल न होने के बावजूद भी उसे अनुकूल बनाने में तत्पर रहते थे। इसी कारण सुशांत के आलोचक भी पैदा हुए और उनपर घात भी लगाए रहते थे। अष्टम भाव में शनि और केतु का बैठना और दूसरे भाव में राहु का विराजमान होना परिवार से अलगाव को दर्शाता है। मंगल पर शनि का बैठना और धनभाव पर दृष्टि पड़ने से धन हानि की ओर संकेत करता है।
सुशांत सिंह राजपूत उच्चाकांक्षी इंसान थे। फिल्मी करियर से उन्हें लाभ भी मिला। मानसिक अस्थिरता और कम अवधि में कुछ बड़ा कर गुजरने की कड़ी में लोगों से मिलते बिछड़ते गए। 6 अप्रैल 2020 से वृहस्पति की दशा आई जो मार्केश भी है। वृहस्पति में वृहस्पति का अंतर काल में ही ग्रह अपनी चाल चल गए अथवा विधि का लेख मिटाए नहीं मिटता। इनसे लोग लाभान्वित होते रहे कभी धर्म कर्म की ओर प्रेरित कर तो कभी भोलेपन में आकर अथवा धर्मभीरु होकर भी। मित्र एवं छोटे भाई बहन बनकर जो भी इनके पास आए होंगें इनसे लाभान्वित हुए होंगे। शान शौकत और दिखावे के साथ जीना पसंद करते थे तो दूसरी ओर अंत:करण में सादगी थी जिसे कभी कोई देख नहीं सका होगा।उच्च का राहु जब
लग्न पर क्रूर दृष्टि डालता है तो व्यक्ति की मानसिक स्थिति डांवाडोल हो जाती है।
षडयंत्रकारी बाहर थे परन्तु हावी थे। जलने अथवा किसी विद्दुत यंत्र का उपयोग करके
प्रताड़ित करने की बात कही जा सकती है। इस साजिश में रिया चक्रवर्ती के पिता और
छोटा भाई शौविक भी बराबर का भागीदार दिखाई देते हैं। रिया चक्रवर्ती के मित्र और नेक्सस
उनके पिता से भी जुड़े हुए दिखाई देते हैं। सुशांत सिंह राजपूत की रहस्मय मौत से
रिया चक्रवर्ती को ड्रग्स माफिया जैसे गिरोहों के द्वारा लाभ मिलने की बात कही जा
सकती है। षष्ठेश द्वीतीय भाव में बैठकर गले और धन पर प्रहार की ओर इंगित करता है।
घटनाक्रम के दिन के ग्रहों पर गहन अध्ययन से पता चलता है कि 6 आदमी और एक महिला की
उपस्थिति में इस घटना क्रम को अंजाम दिया गया होगा। काफी अथवा चाय जैसे तरल पदार्थ
में जहर भी देने की बात संभव है। रिया के संपर्क वाले लोग अंधेरे में हैं। दुनिया
के सामने अब तक नहीं आए हैं। रिया चक्रवर्ती के रोजमर्रा के जान पहचान वाले लोग ही
सुशांत के शत्रु नजर आते हैं। 13- 14 जून 2020 की रात को 10 से 2 बजे के बीच घटना को अंजाम देने की बात
ग्रह योग इंगित करते हैं।
डाक्टर चक्रवर्ती ने भी अपने अनुभव से अपनी बेटी के सपनों को संजोने की भरपूर कोशिश की होगी। सुशांत को हाथ से निकलता देख गिरोह के साथ हत्या की साजिश में सहयोग दिया होगा, जिसमें घर के सभी नौकरों ने बखूबी साथ निभाया।
कह सकते हैं कि लोगों ने जिस थाली में खाया उसी में छेद करने से हिचके भी नहीं।
अगर सरकार की गहन जांच में कोई अडंगा नहीं डाले तो जांच ऐजेंसियां तह तक जाने में सक्षम होंगीं। असली गुनगहार जनता के सामने आ सकते हैं।
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