Saturday, 28 November 2020

कोरोना से विश्व को मुक्ति कब मिलेगी: पण्डित ज्योतिर्माली

जबसे लॉक  डाउन लगा है तबसे आज तक अनेक फोंन मेसेज और ह्वाट्सऐप आते जा रहे है कि यह जो 2019 से 2020 Nov -Dec तक  सारे विश्व को पंगु बना लिया है। यह कोरोना और कब तक पूरे भारत के लोंगो को निठल्लु बनाएगा। हम कब अपने अपने काम धंधे से जुटेंगे --
उत्तर: पंडित ज्योतिर्माली : मैंने अप्रैल 2020 मे एक साक्षात्कार में यह बताया था कि पूरा वर्ष यूँ ही कोरोना केआतंक में व्यतीत होगा। बीच बीच में सरकार को लॉकडाउन लगाना ही पडेगा सरकार ने वही  किया कई बार घोषणानाएँ की गई कि लोक डाउन के चलते गांव गावँ शहर शहर में आवागमन पर प्रति बंध लगते रहे सबके पूछने पर भी
बार बार मेरा उत्तर यही रहा है  कि 2020 का वर्ष के सभी त्योहार बड़ी कठिनाई से बीतेंगे। वही हुआ भारतीय हिन्दुओं के सभी पर्व बड़ी  कठिनाई से बिते उस समय (अप्रैल में) तब सभी को मेरी बात पर भरोसा नही हों रहा था।  "अब फिर से बताता हूँ"-- वैसे तो नवम्बर दिसम्बर 2020 और जनवरी  फरवरी 2021 का वर्ष भी लोगो के लिए उतना ही दुखद रहेगा जितना पिछले साल का था
2021 में होली जलने के बाद से ही कोरोना का भय कम होगा। नवरात्रि शेष होने पर आवागमन कुछ सरल बन सकेगा। जो लोग सरकारी आदेश का उलङ्घ्न करते हैं- यानी मास्क न लगाना, आपस मे दूरी न रखना आदि इसका मतलब कोरोना को बढ़ावा देना होगा। एक गणित के अनुसार कोरोना का असर तो 2022 तक व्याप्त रहेगा । बहुत से लोग आज भी विशेषतया ग्रामीण इलाको में लोग कोरोना से बचने के नियमो का पालन नही कर रहे हैं। जिसके कारण यह गांव से शहर और शहर से गांव कीओर  फैलता ही जा रहा है। सरकार लोगो को जागरूक तो कर रही है पर लोग जागरूक हो नही रहे है।
उनके आसपास में कोरोना का आक्रमण देर सबेर आता जाता रहेगा इसलिए मोदी सरकार की सलाह माननी चाहिए।  जीवन को सुरक्षित रखगे तो बाल बच्चों का सुख भोगेंगे। अन्यथा - *होंहि जो राम रचि राखा को करि तर्क बढावहिं शाखा*
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