Monday, 11 January 2021

किसान और सरकार के बीच मतभेद कबतक?पण्डित ज्योतिर्माली

किसान और सरकार के बीच मतभेद कबतक? : पण्डित ज्योतिर्माली



*किसान आंदोलन 26 नवम्बर 2020* को शुरू हुआ था राजनीतिक रंग में
*और समाप्त कब होगा*               सबको चिंतालगी  है  कब तक आंदोलन चलेगा प्रधानमंत्री गृहमंत्री रक्षा मंत्री की तरफ से कई बार समस्या का हल निकालने की चेष्टा और समझौता की
पहल नाकाम हो चुकी है
किसान नेता सरकार के खिलाफ गोलबंदी  करके सभी विरोधी व विपक्ष  नेताओ को साथ लेकर लगभग डेढ़ महीने से दिल्ली के  बाहर वीभिन्न सड़कों पर जो दिल्ली को जोड़ती हैं ब्लाक करके ट्रकों और  ट्रैक्टरों से घेर  रखा है  रोजाना आम आम जनता को दिल्ली आने जाने में तकलीफ हो रही है वहाँ पिकनिक जैसा मोहाल है
सरकार किसानों के लिए कृषक बिल तैयार किया है जिसमे किसान अपना अनाज कहीं भी भारत मे ऊंचे दामों पर बेच सकते हैं उनको कीमत सीधे उनके बैंक एकाउंट में पहुंचेगा खुली आज़ादी रहेगी कभी भी कहीं भी भारत की मंडियों में अपना अनाज बिक्री कर सकते है किसानों को भय है कि उनकी आजादी भाजपा छीन रही है आंदोलन एक माह  से ऊपर होगये है समझौता  नही हो रहा है सब परेशानहै
अब सवाल है इस झगड़े का समाधान किसके पक्ष में जायेगा किसान के या सरकार के हित मे होगा
*पंडित ज्योतिर्माली* की गणना से सरकार की जीत होगी यानी किसान की बात नही मानी जायेगी 
किसान अपना डेरा डंडा उठाने को मजबूर होंगे संक्रांति के दिन से हड़ताल या * *किसान धरना टूटेगा*
 प्रजा तंत्र के हक में आंदोलन करना भारत की जनता का पूरा हक है
लेकिन भारत के केवल उत्तर भारत के कुछ सिक्ख समुदाय ही क्यो धरना पर बैठे हैं बाकी भारत के किसान क्यो चुप हैं क्योंकि उन्हें पता होगया है कि सरकार हमारे लिए सही कार्य कर रही हैं वहां 
रातभर काजू किसमिस छोहरा बादाम और दूध चाय राबड़ी खा कर अनसन कर रहें हैं  भरपेट भोजन मिल रहा है --"ऐसी खबरें आई हैं " दिल्ली के सभी रास्ते बन्द हो चुके हैं  शेष अन्य  नागरिकों की परेशानियो पर किसान नेता आँख बंद क्यो किये हैं इस प्रकार *मकर संक्रांति ***के दिन सरकार की तरफ से किसान आंदोलन खत्म होने की अपील की जाएगी और किसान  और उनके साथ विपक्षी नेताओं को मुँह की खानी पड़ेगी कांग्रेस बाम जैसे दलों के लोग की आशाओं पर पानी फिरेगा
*संक्रांति  गुरुवार को 14 जनवरी को पड़ रही है*

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