Tuesday, 5 December 2023

भारतीय हिन्दू और हिन्दुत्व भारत मे कुछ हिन्दू क्यों विरोधी हैं जब कि विश्व में हिंदू औरअन्य जाति के लोग भारतीय सनातन परंपराओं और देवताओं को सहर्ष स्वीकारने लगे हैं. मुस्लिम और अंग्रेजी - शासनकाल में लोभी लालची और मौका परस्त हिन्दुओं का नाम इतिहास मे दर्ज है जिनके चलते हिंदू राजाओं को अपने राज्यों से हाथ धोना पड़ा था और अपनी जाति और धर्म की कुर्बानी देनी पड़ी थी l अंग्रेजो को प्रसन्न करते बदले में जमीन या जागीर ईनाम में प्राप्त करते थे l ऐसी कहानियाँ हरएक प्रदेश में चर्चित हैं l आज भी वैसी ही कहानियों को कुछेक गिरे हुए नीच प्रकृत के हिन्दू दोहराने में जुटे हुए हैं . 36 गढ के सीएम जो अचानक हिन्दुओं के खिलाफ सामुहिक संकल्प करवाना जरूरी समझे, मानो उनको साँप सूँघ लिया था ,उनकी मति को गठबंधन का नशा चढ़ गया था और बिहारी बाबु नीतीश जी , राहुलजी , ममता दीदी, राजस्थान के जादूगर गहलोत अशोकजी, केजरीवाल जैसे लोगों के सिर का भूत इनके सिर चढ़ गया था --"हिंदू के देवी-देवता को नहीं मानेंगे ना ही उनकी पूजा-अर्चना करेंगे. जो होना होता है वही होता है. 36 गढ के सीएम राजनीति की सूली पर चढ़ गए. अब उनका हाल श्री राहुलजी जैसा बन गया है [ न घर के न घाट के ]www.panditjyotirmalee.comराजस्थान के जादूगर सीएम जी का जादू मानो रूठ गया था l राहुलजी , प्रियंका बाडरा और श्रीमती सोनियाजी की फौज राजस्थान के गालियों महलों के रास्तो को छान मारी, भारत जोड़ों अभियान का तनिक भी असर विधानसभा चुनाव पर नहीं दिखा उल्टे पहले से भी कम विधायक चुने गए l जनेऊ पहन कर माथे पर चन्दन लगा कर गले में मन्दिरों की चढ़ाई गई मालाएं पहने व मंदिरों में पूजा भी कर डाले लेकिन राहुलजी हिन्दुओं को बेवक़ूफ़ बनाने के स्वांग में फेल हो गए l जनता हिन्दू और अन्य जातियों के लोगों को बीजेपी पर भारी भरोसा हो चुका था, तभी तो 3 राज्यों में बीजेपी को जबरदस्त हिन्दू मुस्लिम का समर्थन मिला है, सर्वत्र मोदी की जय जय कार मच रहीं है -'सिर मुड़ाते ओले गिरे" इधर चुनावी हार उधर सांसद और सरकारी बांग्ला से बेदखल होने के दिन पप्पू ,सोनियाजी और बहिन प्रियंका को देखना बाकी रह गया था lसच देखा जाय तो कांग्रेस दल में कुछेक नेता जो छुपकर बागी बन गए थे उनकी चाहत थी कि पप्पू जी प्रधानमंत्री का दावेदारी का सपना छोड़ दें तब उनकी दाल शायद गल जाए अब ऐसा ही होना सम्भव दिखता है "अनहोनी होनी नहीं होनी हो सो होय l ' भारत सरकार ने कानूनी शिकंजा में गांधी परिवार को जकड़ रखा है जो आगामी कई वर्षो तक गांधी के सदस्यों के लिए भारत की गद्दी कोसों दूर रहेगी l दक्षिणी भारत कर्नाटक के बाद तेलंगाना और दक्षिणी भारत के लोगों ने यह तय कर रखा है पप्पू जी को पूरे भारत में हम सहारा बनते रहेंगे क्योंकि गांधी कुटुंब को इंदिरा गांधी के काल से पक्का साथी साउथभारत (South India) बना हुआ है - हम बचन बद्ध हैं जिसका कोई नहीं उसका सहारा और भाग्यदाता खड़गे जी जैसे लोग ही होते रहेंगे lपूरा विश्व भारत की तरफ देख रहा है लेकिन गठबंधन पार्टी की आँखों पर जादुई चश्मा है भ्रष्टाचार करते रहो बीजेपी अब गई तब गई फिर भारत पर संघटन का शासन चलेगा अर्थात हमारी मनमानी चलेगी न नौ मन तेल होगा न राधा नाच नाचेगी [1december 2023 को F.C.Book में चुनावी परिणाम था -- राजस्थान में राजघराने की दिया जी मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश में मामाजी और 36 गढ में बीजेपी भारी बहुमत से सरकार बनाएगी लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस - कर्नाटक की राह पर दिखेगी ] www.panditjyotirmalee.com पंडित ज्योतिर्माली कोलकाता

Sunday, 3 December 2023

देश की बात ? चुनावी रणनीति भारत में 4 राज्यों के चुनाव में बीजेपी का चेहरा राजस्थान में कमल की तरह खिलेगा l वोटिंग का प्रतिशत राजस्थान में सबसे अधिक होगा और मध्य प्रदेश मे मामा जी का कमल फिर से खिलेगा जिससे बीजेपी का अपना मुख्यमंत्री खड़ा करके एक नया रिकार्ड बना सकती है l 36 गढ में हिंदूओं को क्रिश्चियन बनाने की मंशा ने उनका दुबारा सीएम की जगह आम आदमी बना दिया जनता ने तेलंगाना में कर्नाटक की राह पर अपना फैसला छोड़ कर कांग्रेसियों को आगे बढ़ते रहो का नारा बुलन्द कर देगा भविष्य में राज्यों में मे कांग्रेस बंट जाने वाली है इसलिए देश मे कांग्रेसियों के पुराने गलबहियाँ का नजारा बीजेपी को भविष्य में चिंतित करे तो कुछ अनहोनी नहीं होगी lअब दूसरा सवाल कौन कहाँ कौन सीएम बनेगा कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों मे आपसी समझौता मे देर लगेगी ही यह मसला वीर दिमागी वाले प्रधान मंत्री जी के ऊपर निर्भर करेगा जैसा निर्णय करेंगे वैसा ही फल राज्यों को प्राप्त होगा www.panditjyotirmalee.com

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2023 में विधान सभा चुनाव की गहमागहमी 5 साल आपसी तू तू मैं मैं के बीच सबका साथ सबका विकास बीजेपी का नारा था l उधर विपक्ष कांग्रेस के आपसी आत्मघाती सहयोगियों के साथ गठबंधन दल के नेताओं का ताल मेल का स्वांग सवा सौ करोड़ देशवासियों ने देख लिया , फिर भी सभी दल के नेताओ को पूरा भरोसा हो गया था कि भारत की पूरी धरती मानो उनके वंशावली ने उनके नाम रजिस्टर्ड करके स्वर्गलोक सिधार गए हों,लेकिन भारतीय नेताओं के सिर मौर्य प्रधान मंत्री भी सबके विकास का दरवाजा खोल चुके थे फिर भी अपने ही दल के हमदर्दी नेताओं का साथ जोड़ने की अपेक्षा कुछेक को तोड़ने मे मानो संलग्न थे , जिसके फल स्वरुप जीत के लिए मन्दिरों साधु संतो के बीच सिर झुकाते फिर रहे थे उन्हें भी विपक्ष की तरह पक्की जीत का संदेह मन ही मन कौंध रहा था lकर्नाटक की जीत की तरह तेलंगाना भी कांग्रेस की झोली में जा गिरेगा- य़ह कांग्रेसियों के समझ मे आ गया था अस्तु ,राजस्थान राज्य जो भारत का मुख्य पर्यटकों का केंद्र माना जाता है वो अबकी सीएम राजघराने की नयी रानी दिया को बनाने की चेष्टा होगी संभवत प्रधान मंत्री जी का फ़ार्मूला काम आ जाए और पुरानी सीएम राजे वसुंधरा को सेंट्रल की धुरी पर विराजमान करके बीजेपी में मचने वाली असंतोष को बचा लिया जाय एक और अफवाह संत बालक नाथ जी का बीजेपी को सीएम बनाने का उभरेगा लेकिन बड़े सरताज के आगे बात दब सकती है आगे तो कन्हैयालाल जाने बांसुरी किसके मुँह पर सजेगी l 36 गढ के सीएम बघेल जी ऐसा फंसेगे यह वो भी नहीं समझ पाएं थे बेचारे 36 के सीएम चित्त हो कर गठबंधन की धुरी बन कर जीवन भर पश्चाताप करेंगे lwww.panditjyotirmalee.comउसी प्रकार मध्य प्रदेश के मामा जी को वहां की जनता नहिं छोड़ेगी अच्छी खासी बहुमत देगी अब सवाल है जिस प्रदेश के राजा हिन्दुओं के विरुद्ध हों और दुबारा मुख्यमंत्री बनना चाहे तो भला यह कैसे सम्भव होगा चित्त पट्ट के खेल मे हार ही भाग्य में मिलेगा इसप्रकार एक बार बीजेपी फिर भारतीय जनता का विकास करने में कामयाब हो सकती हैलेकिन चुनाव केबाद सर्वत्र तालमेल को लेकर बीजेपी को दो दो हाथ करना पड़े तो कोई आश्चर्य नहीं hogaPandit Jyotirmalee