Sunday, 3 December 2023

2023 में विधान सभा चुनाव की गहमागहमी 5 साल आपसी तू तू मैं मैं के बीच सबका साथ सबका विकास बीजेपी का नारा था l उधर विपक्ष कांग्रेस के आपसी आत्मघाती सहयोगियों के साथ गठबंधन दल के नेताओं का ताल मेल का स्वांग सवा सौ करोड़ देशवासियों ने देख लिया , फिर भी सभी दल के नेताओ को पूरा भरोसा हो गया था कि भारत की पूरी धरती मानो उनके वंशावली ने उनके नाम रजिस्टर्ड करके स्वर्गलोक सिधार गए हों,लेकिन भारतीय नेताओं के सिर मौर्य प्रधान मंत्री भी सबके विकास का दरवाजा खोल चुके थे फिर भी अपने ही दल के हमदर्दी नेताओं का साथ जोड़ने की अपेक्षा कुछेक को तोड़ने मे मानो संलग्न थे , जिसके फल स्वरुप जीत के लिए मन्दिरों साधु संतो के बीच सिर झुकाते फिर रहे थे उन्हें भी विपक्ष की तरह पक्की जीत का संदेह मन ही मन कौंध रहा था lकर्नाटक की जीत की तरह तेलंगाना भी कांग्रेस की झोली में जा गिरेगा- य़ह कांग्रेसियों के समझ मे आ गया था अस्तु ,राजस्थान राज्य जो भारत का मुख्य पर्यटकों का केंद्र माना जाता है वो अबकी सीएम राजघराने की नयी रानी दिया को बनाने की चेष्टा होगी संभवत प्रधान मंत्री जी का फ़ार्मूला काम आ जाए और पुरानी सीएम राजे वसुंधरा को सेंट्रल की धुरी पर विराजमान करके बीजेपी में मचने वाली असंतोष को बचा लिया जाय एक और अफवाह संत बालक नाथ जी का बीजेपी को सीएम बनाने का उभरेगा लेकिन बड़े सरताज के आगे बात दब सकती है आगे तो कन्हैयालाल जाने बांसुरी किसके मुँह पर सजेगी l 36 गढ के सीएम बघेल जी ऐसा फंसेगे यह वो भी नहीं समझ पाएं थे बेचारे 36 के सीएम चित्त हो कर गठबंधन की धुरी बन कर जीवन भर पश्चाताप करेंगे lwww.panditjyotirmalee.comउसी प्रकार मध्य प्रदेश के मामा जी को वहां की जनता नहिं छोड़ेगी अच्छी खासी बहुमत देगी अब सवाल है जिस प्रदेश के राजा हिन्दुओं के विरुद्ध हों और दुबारा मुख्यमंत्री बनना चाहे तो भला यह कैसे सम्भव होगा चित्त पट्ट के खेल मे हार ही भाग्य में मिलेगा इसप्रकार एक बार बीजेपी फिर भारतीय जनता का विकास करने में कामयाब हो सकती हैलेकिन चुनाव केबाद सर्वत्र तालमेल को लेकर बीजेपी को दो दो हाथ करना पड़े तो कोई आश्चर्य नहीं hogaPandit Jyotirmalee

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