Thursday, 20 November 2025

बंगाल को ज्योतिर्माली का संदेश


🌷अनुभव भारत 🌷


👉 मीडिया चैनल स्पेशल रिपोर्ट — “बंगाल 2025/2926 ज्योतिष चेतावनी या बड़े बदलाव का संकेत?”

🎙️👉


“नमस्कार… मैं आपका स्वागत करता हूँ स्पेशल रिपोर्ट में।

आज हम बात करने जा रहे हैं पश्चिम बंगाल की—

एक ऐसा राज्य जो संस्कृति, आध्यात्मिकता और बुद्धिजीवी परंपरा का केंद्र रहा है…


लेकिन आज—

ज्योतिषाचार्य पंडित ज्योतिर्माली जी

बंगाल के भविष्य को लेकर गंभीर चेतावनी दे रहे हैं।”


🌷ज्योतिष सम्राट पंडित ज्योतिर्माली की चेतावनी


“पंडित ज्योतिर्माली जी ने

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कुंडली

और बंगाल की सामूहिक राज्य-कुंडली

का गहरा अध्ययन किया है…


और उनकी गणना कहती है कि

2025 से 2026 के बीच

बंगाल बहुत बड़े राजनीतिक और सामाजिक मोड़ पर खड़ा है।


वे स्पष्ट कहते हैं—

‘ग्रह संकेत दे रहे हैं कि आने वाला समय शांत नहीं… चुनौतीपूर्ण होगा।’ 




“👉पंडित ज्योतिर्माली जी 1992 की उस घटना की याद दिलाते हैं

जिसने पूरे देश को हिला दिया था—

अयोध्या का विवाद, बाबरी मस्जिद का ढहना।


उस समय यूपी में मुलायम सिंह यादव,

और बंगाल में ज्योति बसु की सरकार थी।

देश के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा…

लाखों लोग डर, तनाव और अनिश्चितता में जी रहे थे।


और अब आगे का समय -

पंडित ज्योतिर्माली चेतावनी दे रहे हैं कि

2025 /26 भी वैसा ही संवेदनशील वातावरण पैदा कर सकता है।”

-

 बंगाल की वर्तमान स्थिति पर  सभी धर्मवलम्बीयो समाजिक और राजनैतिक युवाओ को भी इस दिशा मे तत्काल  कदम उठाना चाहिए


“टीएमसी तीन बार लगातार सत्ता में आई—👉

और ममता बनर्जी दृढ़ नेतृत्व वाली नेता मानी जाती हैं।


लेकिन बंगाल के बड़े हिस्से का हिंदू समाज

आज खुद को असुरक्षित और उपेक्षित महसूस कर रहा है—👉


और इसी बीच…

6 दिसंबर 25 को टीएमसी के वरिष्ठ नेता हमायु कबीर का

मुर्शिदाबाद में मस्जिद निर्माण का ऐलान

इस माहौल को और तनावपूर्ण बना देता है।


याद कीजिए 👉

मुर्शिदाबाद वही ज़िला है

जहाँ हाल के वर्षों में कई हिंदू परिवार 

डर के कारण पलायन तक कर चुके हैं।”


“और यहाँ सवाल उठता है


🌷👉क्या ममता बनर्जी उन मूल्यों से दूर जा रही हैं

जिन्होंने उन्हें बंगाल की ‘धर्मनिरपेक्ष और सर्वधर्म सम्मान’ वाली नेता बनाया?


क्या वे भूल रही हैं कि

बंगाल के हिंदू मतदाताओं ने ही उन्हें सत्ता तक पहुँचाया, और फिर बार-बार सत्ता में वापस लाया?

फिर अचानक ममता मे इतना भारी परिवर्तन क्यों हुआ?

पंडित ज्योतिर्माली  जी बड़ा का संकेत — 🌷फरवरी 2026 तक दबाव ही दबाव आगे जटिल योग बनता रहेगा -जो बंगाल और केंद्र दोनों के लिए सामाजिक हलचल भरा दिखाई दें रहा है!


“ज्योतिर्माली जी का कहना है कि -मुख्यमंत्री

ममता बनर्जी की कुंडली

फरवरी 2026 तक तिव्र ग्रह-दबाव में है।


इस समय  --राजनीतिक जोश उतार-चढ़ाव, बाढ़ पर है सर्वत्र उफान का माहौल चल रहा है शांति की अपील बंगाल के बुद्धिजीवी और धार्मिक सँस्थाओ की तरफ से होना चाहिए


फैसलों में कठोरता,

विवादों में वृद्धि,

और केंद्र–राज्य तनाव

सब बढ़ने के योग हैं।

ऐसे काल में--

राज्य की शांति बनाए रखना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।”


 समाधान क्या है?


“ज्योतिषआचर्य डॉ मधुसूदन मिश्र ज्योतिर्माली जी का साफ मानना है—

अब समय है कि बंगाल के बुद्धिजीवी, सामाजिक नेता,

और विशेष रूप से आध्यात्मिक संस्थाएँ

खुले संवाद के लिए आगे आएँ---

वे बेलूर मठ, रामकृष्ण मिशन और विवेकानंद परंपरा के संतो का

विशेष रूप से उल्लेख करते हैं—

जिनकी आवाज़ सदियों से शांति, सत्य और सामंजस्य की प्रतीक रही है।


ज्योतिर्माली जी का मानना है कि

यदि ये संस्थाएँ नेतृत्व को उचित मार्ग दिखाएँ,

तो गलतफहमियों को बहुत हद तक कम किया जा सकता है फिर ममता बनर्जी 

और बंगाल की दिशा बदली जा सकती है।”


“लेकिन पंडित ज्योतिर्माली जी की चेतावनी भी साफ है—

यदि समय रहते

संवाद संतुलन

और संवेदनशीलता

नहीं अपनाई गई…


तो इसका असर केवल बंगाल तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि

यह पूरे देश की सामाजिक एकता और विकास पर छाया डाल सकता है।” जिसका संदेश विश्व स्तर पर जायेगा  

---

उम्मीद पर दुनिया टिकी हुई है समाधान चाहने पर किसी भी समस्या का निदान मिलजाता है


“लेकिन समाधान भी उतना ही स्पष्ट है


यदि ममता बनर्जी

अपने नेतृत्व में

सकारात्मक बदलाव लाती हैं… तो उनके लिए और भारत के हित मे सकारात्मक  संदेश ला सकता है


यदि वे सभी समुदायों को

बराबर सम्मान और सुरक्षा देने का संदेश देती हैं…तो एकबार शांति से देश परिस्थिति पर  गहन चिंतन करना चाहिए बदला लेने की भावना से कौरव वंश महाभारत युद्ध करके क्या हासिल कर पाया? खानदान  नष्ट होगया - अंत मे जगत मे हंसी का पात्र ही बना! ऐसी ही स्थिति ममता के लिए हो जाय तो कोई अश्चर्य नहीं होगा!


तो एक नया, शांतिपूर्ण

और प्रगतिशील बंगाल

पूरी तरह संभव है।

इस पर ज्योतिर्माली जी का कहना है कि यह परिवर्तन—

हिंसा या टकराव से नहीं…

बल्कि संवाद समझ

और सत्य की राह

से आएगा।”


“तो क्या बंगाल एक बड़े संकट की ओर बढ़ रहा है?

या नया अध्याय खुलने वाला है?

इस प्रश्न का उत्तर ज्योति र्माली जी समाज के ऊपर छोड़ रहे है कहते है

इसका जबाब आपसबके चिंतन और समय पर निर्भर करेगा

Saturday, 15 November 2025

बीजेपी का बंगाल मे अगला दाव किसपर : ज्योतिषचार्य ज्योतिर्माली

 ज्योतिषाचार्य ज्योतिर्माली की एक बड़ी भविष्यवाणी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।


ज्योतिर्माली के अनुसार

जया किशोरी की कुंडली में वर्तमान समय में जो ग्रह-योग सक्रिय है,

वह नेतृत्व, सार्वजनिक जीवन और जनसमर्थन के तेज़ उभार का संकेत देता है।


उनकी कुंडली में

गुरु का शुभ प्रभाव,

शनि का मजबूत स्थित होना,

और सूर्य का स्वाभाविक शक्तिप्रदान—

ये तीनों मिलकर एक ऐसा योग बनाते हैं

जो व्यक्ति को मंच, भीड़ और नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाता है।


ज्योतिर्माली का दावा है कि

इन्हीं ग्रह-योगों के चलते

BJP, West Bengal में 2026 के लिए

जया किशोरी को संभावित उम्मीदवार के रूप में देख सकती है।


🔢 न्यूमेरोलॉजी विश्लेषण


न्यूमेरोलॉजी के अनुसार भी

उनकी मूलांक और भाग्यांक की संयुक्त ऊर्जा

“नेतृत्व, सार्वजनिक प्रभाव और जनकल्याण” से जुड़ी मानी जाती है।

उनका प्रभावांक ऐसे वर्षों में मज़बूत होता है

जहाँ 6, 3 और 9 की ऊर्जा सक्रिय होती है—

और 2026 में ठीक यही ऊर्जा प्रमुख मानी जा रही है।


ज्योतिर्माली का मत है कि

ग्रह-योग और अंक-शास्त्र दोनों

जया किशोरी के सार्वजनिक भूमिका में उभरने का संकेत दे रहे हैं।


हालाँकि, BJP या जया किशोरी—

किसी की तरफ़ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

लेकिन इस ज्योतिषीय और अंक-शास्त्रीय विश्लेषण ने

राजनीतिक चर्चाओं में नई हलचल अवश्य पैदा की है।


क्या यह ग्रह-योग और न्यूमेरोलॉजी

जया Kishori को 2026 के राजनीतिक परिदृश्य का नया चेहरा बनाएगी?

इसका उत्तर आने वाला समय ही देगा।”

Wednesday, 12 November 2025

भारत का अगला शिष्य कौन: मधुसूदन मिश्र, ज्योतिर्माली

 👉👉*क्या #भविष्य में #चीन भी बनेगा #भारत का #शिष्य*?


🌷यह सवाल सुनकर शायद दुनिया चौंक जाए...

लेकिन संकेत तो कई वर्षों से दिखाई दे रहे हैं। #ज्योतिषचार्य #डॉ #मधुसूदन मिश्र पंडित #ज्योतिर्माली जो इंदिरागान्धी से लेकर अटल बिहारी बाजपेयी नरसिम्हा राव के बीच के तमाम प्रधानमंत्रीयों के विषय में अचरज भरी भविष्यवाणी करके प्रसिद्धि पायी है उनका कहना है समय बदलता है अपना संदेशआगे की पीढ़ी के लिए छोड़जाता है!


🌹जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में

#चीनी #राष्ट्रपति #शी #जिनपिंग का भव्य स्वागत किया था 


तब उन्होंने चीन को भारत की आस्था, संस्कृति,

और प्राचीन यात्री ह्वेनसांग के भारत आगमन का परिचय दिया था।


उस मुलाक़ात के बाद

भारत की नीतियों ने चीन के आर्थिक ढांचे को गहराई तक प्रभावित किया।


भारत के स्टार्टअप क्रांति, आत्मनिर्भर नीति,

और रणनीतिक सोच से चीन भी अब प्रभावित हुआ है। और मोदी है तो मुमकिन है इस बात को  उसने स्वीकारभी कर लिया है

चीन का भारत के साथ पुराना अतरंग मित्रो में से एक देश रहा है 

कांग्रेसी छद्म हिन्दू जवाहर लाल से लेकर पप्पू गाँधी तक के लोंगो ने चीन को बहकाया अपना उल्लू सीधा करने के लिए  इसीलिए पप्पू और उनकी मातेश्री चीन के साथ नकली दोश्ती का नाटक किया होगा जिससे जवाहरलाल ने भारत की जमीन चीन को यों ही गिफ्ट किया होगा 

चीन के  पर्यायटन विद्यार्थी  शिक्षा पाने के लिए भारत आते जाते थे! जिसका इतिहास गवाह है!! 


आज चीन की सरकार भारत के नेतृत्व का सम्मान करती है,

और  दूसरी ओर दुनिया भारत की नीति को गौर से देख रही है।

भारत की कुण्डली मे ग्रहो के संकेत  दे रहे है कि भविष्य मे राजनैतिक आर्थिक और धार्मिक परिवर्तन होगा इसलिए मोदीजी की सरकार को भारत मे आगामी 2029 तक बना रहना जरुरी है

मोदीजी या योगी हों बस भारत का विकास रुकना नहीं चाहिए!! 

लेकिन… सवाल यही है —

क्या भारत अपने ही अंदर एकजुट रह पाएगा?


क्योंकि अगर भारत ने अपने धर्म, संस्कृति, और राजनैतिक नीतियों का पालन ठीक से करता रहेगा,

और एकता को बरकरार रखा, देश में एकता बनी रहे, आपसी सामंजसय दृढ - रहे,, आपस में परोपकारी भावनाएं हो  --तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता!


दुर्भाग्य से,

बीते दशकों में भारत छद्मवेशी  हिन्दु नेताओं जैसे कांग्रेस सपा तृणमूल कांग्रेस आदि ने l स्वार्थी राजनीति की गिरफ्त में रहा। जिसमे देशभक्त और सच्चे भारतीयों ने बदलाव की बहुत  कोशिश की,

लेकिन उनके मार्ग में हमेशा परिवारवाद, जातिवाद,और धर्म की गंदी नीतियाँ --

और वोट बैंक राजनीति आड़े आई। 

#कांग्रेस दल #गुप्त रूप से #भारत में #ईस्ट #इंडिया #कम्पनी की तरह छुप छुपा कर भारत की #आर्थिक #धार्मिक भावनाओं को कुचलती रही  हिन्दू विरोधी गतिविधियों को अंजाम देती रही मुस्लिम जाति की आबादी बढाती रही #हिन्दुओं को #जबरदस्ती पकड़ पकड़ कर #नश्ल बंदी कराती रही फ्लस्वरूप #हिन्दू की जनसंख्या कम हो गईं #मुस्लिम की सैकड़ो गुना #आबादी बढ़ गईं  यही किस्सा खत्म नहीं हुआ सरकारी फरमान में  #हिन्दू #मंदिरों व #स्कूलों की #आमदनी का बटवारा भी सरकारी आदेशानुसार  होता रहा फिर भी हिन्दू चुप चाप #सहनशील बना रहा  सर्वत्र लूट खसोट हिन्दू बहिन बेटियों को जबरन धर्म प्रवर्तन कराते उनकी इज्जत लुटते रहे यें सब तमाशा  भारत में दिन रात  होता चला आ रहा है !

 राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी खुद एक सभ्य ब्राह्मण थे उनको सहन नहीं होता था ब्याकुल होते ज़ब सोनिया और उनके परिवार के कुकृत्य को देखते थे!  दूसरी तरफ कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने --सपा बसपा बाम पंथी, आप,  राजग, 

लंबे समय तक सत्ता में रहकर अपनी मनमानी करके देश को बर्बाद करते थकते नहीं थे! 

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, ऐंसीपी, राजद,आप,  सब मिलकर, इंडिया गठबंधन बन कर भारत को नोच नोच कर भारत की नींव को कमजोर करने का काम किया।

यह वही सच्चाई है,

जिसे कभी भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी स्वीकार किया था —

उन्होंने कहा था:

"भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि भारत की मर्यादा की रक्षा के लिए

बीजेपी का उदय हुआ,

जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी जैसे नेता आए —

वरना नेहरू-गांधी परिवार भारत को समाप्त करने की दिशा में था।"


आज पूरा विश्व देख रहा है

कि #कांग्रेस बनाम #नकली #गांधीवाद का असली चेहरा क्या है।

वर्षों से छिपे सच अब सामने आ रहे हैं —

भारत के अपने ही कुछ लोग

देश की संस्कृति और हिंदू समाज के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं।


जो लोग कश्मीर से हिंदुओं को बेदखल करते रहे,

जो लोग अयोध्या में राम मंदिर का विरोध करते रहे,

जो कहते थे — “हिंदू मेरे दुश्मन हैं, मुस्लिम मेरे भाई हैं”,

वो आज भी सत्ता के भूखे हैं।


परंतु अब दौर बदल रहा है!

भारत जाग रहा है!

सच्चे राष्ट्रभक्त आगे आ रहे हैं।

कांग्रेस और उसके सहयोगी धीरे-धीरे टूट रहे हैं।

जो कभी सत्ता के गढ़ कहलाते थे,

वो अब खोखले हो चुके हैं।


आज भारत विश्व गुरु बनने की राह पर है —

और जैसा कि ज्योतिषाचार्य पं. डॉ. मधुसूदन मिश्र ज्योतिर्माली कहते हैं —

"भारत न केवल विश्व गुरु बनेगा,

बल्कि बीजेपी जैसे राष्ट्रवादी दल

भारत के भीतर की अराजकता को मिटाकर

एक स्वच्छ, सशक्त और गौरवशाली भारत का निर्माण करेंगे!"


भारत का #सूर्योदय अब दूर नहीं —

शर्त बस इतनी है कि

हम सब एक हों, सजग हों, और अपनी संस्कृति पर गर्व करें।

 विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषचार्य मधुसूदन जी पंडित ज्योतिर्माली!!

Sunday, 9 November 2025

भारत में कांग्रेस की स्थिति : मधुसूदन मिश्र, पंडित ज्योतिर्माली

 विश्व भर में कांग्रेस और उसकी सहयोगी मुस्लिम दलों की रूपरेखा बदलेंगी!


विश्वप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. मधुसूदन मिश्र ‘ज्योतिर्माली’ ने अपने ताज़ा ज्योतिषीय विश्लेषण में आने वाले समय में राजनीतिक समीकरणों में व्यापक बदलाव की भविष्यवाणी की है।

उनका कहना है कि—


> “कांग्रेस जैसी जितनी भी विचारधारात्मक रूप से समान दल हैं, वे सब धीरे-धीरे समुद्र की दिशा में मुड़ेंगी, अर्थात् उनका पतन निश्चित है।”



🔮 ज्योतिषीय दृष्टि से बदलाव की आहट


पं. ज्योतिर्माली का मानना है कि बीजेपी के आगमन से पहले देश की राजनीति पूरी तरह से परिवारवाद और स्वार्थ की जकड़ में थी।

उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी राष्ट्र संघ संगठन की प्रशंसा करते हुए यह स्वीकार किया था कि—


> “यदि समय रहते नरेन्द्र मोदी जैसे नेता राजनीति में न आते, तो कांग्रेस का परिवारवाद भारत को नक़्शे से मिटा देता।”


प्रणव मुखर्जी, जो कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता रहे थे, सोनिया गांधी परिवार के कार्यशैली से क्षुब्ध थे। वे कांग्रेस के खानदान के “गुप्त रहस्यों” को भलीभांति समझ चुके थे। यही कारण रहा कि उन्होंने सार्वजनिक मंचों से मोदी जी की कार्यशैली और राष्ट्रनिष्ठा की सराहना की।


🔸 कांग्रेस से मोहभंग की लहर


राजनीति में हाल के वर्षों में यह प्रवृत्ति स्पष्ट दिखाई दी है कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की विचारधारा से जुड़ने वाले नेताओं की संख्या बढ़ रही है।

ग्वालियर राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया इसका प्रमुख उदाहरण हैं, जिन्होंने कांग्रेस को त्यागकर बीजेपी में शामिल होकर राष्ट्रसेवा का अवसर पाया।


इसी क्रम में दक्षिण भारत के प्रख्यात नेता शशि थरूर भी पार्टी की नीतियों से असंतुष्ट दिखाई देते हैं।

पंडित ज्योतिर्माली का कहना है कि —


> “जब कोई सशक्त नेता कांग्रेस की नकारात्मक नीतियों से उकता कर राष्ट्रहित में भाजपा का समर्थन करने लगता है, तो इसे केवल ईश्वरीय प्रेरणा ही कहा जा सकता है।”





---


 इतिहास खुद को दोहराता है


पं. ज्योतिर्माली ने 1992 में सोवियत संघ में कम्युनिस्ट पार्टी के पतन का उदाहरण देते हुए कहा कि—


> “जिस प्रकार गोरबाचेव की नरमपंथी नीतियों ने विश्व की महाशक्ति को बौना बना दिया था, उसी प्रकार कांग्रेस भी अपने ही कर्मों से राजनीतिक पराभव की ओर अग्रसर है।”




उन्होंने भविष्यवाणी की है कि आने वाले समय में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को बीजेपी के नेतृत्व में कठोर राजनीतिक परीक्षा से गुजरना होगा।

देश की जनता अब राष्ट्रविरोधी और विभाजनकारी विचारधाराओं को अस्वीकार कर रही है।



---


⚔️ कांग्रेस में अव्यवस्था और असंतोष


ज्योतिर्माली का कहना है कि कांग्रेस संगठन में घुसपैठ, अराजकता, हिंसा और भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि पार्टी अब अपने मूल आदर्शों से बहुत दूर जा चुकी है।

देश-विदेश में पार्टी की छवि धूमिल हो चुकी है, और यदि यही प्रवृत्ति रही तो “देशद्रोही संगठन” का तमगा भी जल्द लग सकता है।


उनका यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार देशद्रोही दलों—जैसे सपा, राजद, तृणमूल और कांग्रेस—को राजनीतिक गंगा में विसर्जित करने की शक्ति रखती है।



--“समय सदा एक समान नहीं रहता”


पं. ज्योतिर्माली का यह ज्योतिषीय कथन विचारणीय है—


> “समय शाश्वत है, पर स्थिर नहीं। परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जो समय की गति को नहीं समझता, वही उसका शिकार बनता है।”




उन्होंने कहा कि सत्य अंततः प्रकट होता है, और जो धर्म, राष्ट्र और ईश्वर के मार्ग पर चलता है, वही कालजयी होता....


“प्रतीक्षा करना मनुष्य का धर्म है।” 🌹

— पं. मधुसूदन मिश्र ‘ज्योतिर्माली’

चीन बन गया भारत का शिष्य

 *👉 क्या भविष्य में चीन भी बनेगा भारत का शिष्य*?


🌷यह सवाल सुनकर शायद दुनिया चौंक जाए...

लेकिन संकेत तो कई वर्षों से दिखाई दे रहे हैं। ज्योतिषचार्य डॉ मधुसूदन मिश्र पंडित ज्योतिर्माली जो इंदिरागान्धी से लेकर अटल बिहारी बाजपेयी नरसिम्हा राव के बीच के तमाम प्रधानमंत्रीयों के विषय में अचरज भरी भविष्यवाणी करके प्रसिद्धि पायी है उनका कहना है समय बदलता है अपना संदेशआगे की पीढ़ी के लिए छोड़जाता है!


🌹जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भव्य स्वागत किया था 


तब उन्होंने चीन को भारत की आस्था, संस्कृति,

और प्राचीन यात्री ह्वेनसांग के भारत आगमन का परिचय दिया था।


🌹उस मुलाक़ात के बाद

भारत की नीतियों ने चीन के आर्थिक ढांचे को गहराई तक प्रभावित किया।


👉भारत के स्टार्टअप क्रांति, आत्मनिर्भर नीति,

और रणनीतिक सोच से चीन भी अब प्रभावित हुआ है। और मोदी है तो मुमकिन है इस बात को  उसने स्वीकारभी कर लिया है

चीन का भारत के साथ पुराना अतरंग मित्रो में से एक देश रहा है 

🌹कांग्रेसी छद्म हिन्दू जवाहर लाल से लेकर पप्पू गाँधी तक के लोंगो ने चीन को बहकाया अपना उल्लू सीधा करने के लिए  इसीलिए पप्पू और उनकी मातेश्री चीन के साथ नकली दोश्ती का नाटक किया होगा जिससे जवाहरलाल ने भारत की जमीन चीन को यों ही गिफ्ट किया होगा 

चीन के  पर्यायटन विद्यार्थी  शिक्षा पाने के लिए भारत आते जाते थे! जिसका इतिहास गवाह है!! 



🌹आज चीन की सरकार भारत के नेतृत्व का सम्मान करती है,

और  दूसरी ओर दुनिया भारत की नीति को गौर से देख रही है।


👉लेकिन… सवाल यही है —

क्या भारत अपने ही अंदर एकजुट रह पाएगा?


क्योंकि अगर भारत ने अपने धर्म, संस्कृति,

और एकता को बरकरार रखा, देश में एकता बनी रहे, आपसी सामंजसय दृढ - रहे,, आपस में परोपकारी भावनाएं हो  --तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता!


🌷दुर्भाग्य से,

बीते दशकों में भारत छद्मवेशी  हिन्दु नेताओं और उनकी  स्वार्थी राजनीति की गिरफ्त में रहा।

 देशभक्त और सच्चे भारतीयों ने बदलाव की बहुत  कोशिश की,

लेकिन उनके मार्ग में हमेशा परिवारवाद, जातिवाद,

और वोट बैंक राजनीति आड़े आई। 

🌹कांग्रेस दल गुप्त रूप से भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी की तरह छुप छुपा कर भारत की आर्थिक धार्मिक भावनाओं को कुचलती रही  हिन्दू विरोधी गतिविधियों को अंजाम देती रही मुस्लिम जाति की आबादी बढाती रही हिन्दुओं को जबरदस्ती पकड़ पकड़ कर नश्ल बंदी कराती रही फ्लस्वरूप हिन्दू की जनसंख्या कम हो गईं मुस्लिम की सैकड़ो गुना आबादी बढ़ गईं  यही किस्सा खत्म नहीं हुआ सरकारी फरमान में  हिन्दू मंदिरों व स्कूलों की आमदनी का बटवारा भी सरकारी आदेशानुसार  होता रहा फिर भी हिन्दू चुप चाप सहन शील बना रहा  सर्वत्र लूट खसोट हिन्दू बहिन बेटियों को जबरन धर्म प्रवर्तन कराते उनकी इज्जत लुटते रहे यें सब तमाशा  भारत में दिन रात  होता चला आ रहा है

राष्ट्र पति प्रणव मुखर्जी खुद एक सभ्य ब्राह्मण थे उनको सहन नहीं होता था ब्याकुल होते ज़ब सोनिया और उनके परिवार के कुकृत्य को देखते थे!  दूसरी तरफ

कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने --सपा बसपा बाम पंथी, आप,  राजग, 

लंबे समय तक सत्ता में रहकर अपनी मनमानी करके देश को बर्बाद करते थकते नहीं थे! 

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, ऐंसीपी, राजद,आप,  सब मिलकर, इंडिया गठबंधन बन कर भारत को नोच नोच कर भारत की नींव को कमजोर करने का काम किया।

🌹यह वही सच्चाई है,

जिसे कभी भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी स्वीकार किया था —

उन्होंने कहा था:

"👉 भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि भारत की मर्यादा की रक्षा के लिए!!

👉 बीजेपी का उदय हुआ,

जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी जैसे नेता आए —

वरना नेहरू-गांधी परिवार भारत को समाप्त करने की दिशा में था।"


👉 आज पूरा विश्व देख रहा है

कि कांग्रेस बनाम नकली गांधीवाद का असली चेहरा क्या है।

वर्षों से छिपे सच अब सामने आ रहे हैं —

भारत के अपने ही कुछ लोग

देश की संस्कृति और हिंदू समाज के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं।


🌹जो लोग कश्मीर से हिंदुओं को बेदखल करते रहे,

जो लोग अयोध्या में राम मंदिर का विरोध करते रहे,

जो कहते थे — “हिंदू मेरे दुश्मन हैं, मुस्लिम मेरे भाई हैं”,

वो आज भी सत्ता के भूखे हैं।


🌹परंतु अब दौर बदल रहा है!

भारत जाग रहा है!

सच्चे राष्ट्रभक्त आगे आ रहे हैं।

कांग्रेस और उसके सहयोगी धीरे-धीरे टूट रहे हैं।

जो कभी सत्ता के गढ़ कहलाते थे,

वो अब खोखले हो चुके हैं।


🌹आज भारत विश्व गुरु बनने की राह पर है —

और जैसा कि ज्योतिषाचार्य पं. डॉ. मधुसूदन मिश्र ज्योतिर्माली कहते हैं —

"भारत न केवल विश्व गुरु बनेगा,

बल्कि बीजेपी जैसे राष्ट्रवादी दल

भारत के भीतर की अराजकता को मिटाकर

एक स्वच्छ, सशक्त और गौरवशाली भारत का निर्माण करेंगे!"


🌹भारत का सूर्योदय अब दूर नहीं —

शर्त बस इतनी है कि

हम सब एक हों, सजग हों, और अपनी संस्कृति पgर गर्व करें।