Thursday, 20 November 2025

बंगाल को ज्योतिर्माली का संदेश


🌷अनुभव भारत 🌷


👉 मीडिया चैनल स्पेशल रिपोर्ट — “बंगाल 2025/2926 ज्योतिष चेतावनी या बड़े बदलाव का संकेत?”

🎙️👉


“नमस्कार… मैं आपका स्वागत करता हूँ स्पेशल रिपोर्ट में।

आज हम बात करने जा रहे हैं पश्चिम बंगाल की—

एक ऐसा राज्य जो संस्कृति, आध्यात्मिकता और बुद्धिजीवी परंपरा का केंद्र रहा है…


लेकिन आज—

ज्योतिषाचार्य पंडित ज्योतिर्माली जी

बंगाल के भविष्य को लेकर गंभीर चेतावनी दे रहे हैं।”


🌷ज्योतिष सम्राट पंडित ज्योतिर्माली की चेतावनी


“पंडित ज्योतिर्माली जी ने

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कुंडली

और बंगाल की सामूहिक राज्य-कुंडली

का गहरा अध्ययन किया है…


और उनकी गणना कहती है कि

2025 से 2026 के बीच

बंगाल बहुत बड़े राजनीतिक और सामाजिक मोड़ पर खड़ा है।


वे स्पष्ट कहते हैं—

‘ग्रह संकेत दे रहे हैं कि आने वाला समय शांत नहीं… चुनौतीपूर्ण होगा।’ 




“👉पंडित ज्योतिर्माली जी 1992 की उस घटना की याद दिलाते हैं

जिसने पूरे देश को हिला दिया था—

अयोध्या का विवाद, बाबरी मस्जिद का ढहना।


उस समय यूपी में मुलायम सिंह यादव,

और बंगाल में ज्योति बसु की सरकार थी।

देश के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा…

लाखों लोग डर, तनाव और अनिश्चितता में जी रहे थे।


और अब आगे का समय -

पंडित ज्योतिर्माली चेतावनी दे रहे हैं कि

2025 /26 भी वैसा ही संवेदनशील वातावरण पैदा कर सकता है।”

-

 बंगाल की वर्तमान स्थिति पर  सभी धर्मवलम्बीयो समाजिक और राजनैतिक युवाओ को भी इस दिशा मे तत्काल  कदम उठाना चाहिए


“टीएमसी तीन बार लगातार सत्ता में आई—👉

और ममता बनर्जी दृढ़ नेतृत्व वाली नेता मानी जाती हैं।


लेकिन बंगाल के बड़े हिस्से का हिंदू समाज

आज खुद को असुरक्षित और उपेक्षित महसूस कर रहा है—👉


और इसी बीच…

6 दिसंबर 25 को टीएमसी के वरिष्ठ नेता हमायु कबीर का

मुर्शिदाबाद में मस्जिद निर्माण का ऐलान

इस माहौल को और तनावपूर्ण बना देता है।


याद कीजिए 👉

मुर्शिदाबाद वही ज़िला है

जहाँ हाल के वर्षों में कई हिंदू परिवार 

डर के कारण पलायन तक कर चुके हैं।”


“और यहाँ सवाल उठता है


🌷👉क्या ममता बनर्जी उन मूल्यों से दूर जा रही हैं

जिन्होंने उन्हें बंगाल की ‘धर्मनिरपेक्ष और सर्वधर्म सम्मान’ वाली नेता बनाया?


क्या वे भूल रही हैं कि

बंगाल के हिंदू मतदाताओं ने ही उन्हें सत्ता तक पहुँचाया, और फिर बार-बार सत्ता में वापस लाया?

फिर अचानक ममता मे इतना भारी परिवर्तन क्यों हुआ?

पंडित ज्योतिर्माली  जी बड़ा का संकेत — 🌷फरवरी 2026 तक दबाव ही दबाव आगे जटिल योग बनता रहेगा -जो बंगाल और केंद्र दोनों के लिए सामाजिक हलचल भरा दिखाई दें रहा है!


“ज्योतिर्माली जी का कहना है कि -मुख्यमंत्री

ममता बनर्जी की कुंडली

फरवरी 2026 तक तिव्र ग्रह-दबाव में है।


इस समय  --राजनीतिक जोश उतार-चढ़ाव, बाढ़ पर है सर्वत्र उफान का माहौल चल रहा है शांति की अपील बंगाल के बुद्धिजीवी और धार्मिक सँस्थाओ की तरफ से होना चाहिए


फैसलों में कठोरता,

विवादों में वृद्धि,

और केंद्र–राज्य तनाव

सब बढ़ने के योग हैं।

ऐसे काल में--

राज्य की शांति बनाए रखना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।”


 समाधान क्या है?


“ज्योतिषआचर्य डॉ मधुसूदन मिश्र ज्योतिर्माली जी का साफ मानना है—

अब समय है कि बंगाल के बुद्धिजीवी, सामाजिक नेता,

और विशेष रूप से आध्यात्मिक संस्थाएँ

खुले संवाद के लिए आगे आएँ---

वे बेलूर मठ, रामकृष्ण मिशन और विवेकानंद परंपरा के संतो का

विशेष रूप से उल्लेख करते हैं—

जिनकी आवाज़ सदियों से शांति, सत्य और सामंजस्य की प्रतीक रही है।


ज्योतिर्माली जी का मानना है कि

यदि ये संस्थाएँ नेतृत्व को उचित मार्ग दिखाएँ,

तो गलतफहमियों को बहुत हद तक कम किया जा सकता है फिर ममता बनर्जी 

और बंगाल की दिशा बदली जा सकती है।”


“लेकिन पंडित ज्योतिर्माली जी की चेतावनी भी साफ है—

यदि समय रहते

संवाद संतुलन

और संवेदनशीलता

नहीं अपनाई गई…


तो इसका असर केवल बंगाल तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि

यह पूरे देश की सामाजिक एकता और विकास पर छाया डाल सकता है।” जिसका संदेश विश्व स्तर पर जायेगा  

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उम्मीद पर दुनिया टिकी हुई है समाधान चाहने पर किसी भी समस्या का निदान मिलजाता है


“लेकिन समाधान भी उतना ही स्पष्ट है


यदि ममता बनर्जी

अपने नेतृत्व में

सकारात्मक बदलाव लाती हैं… तो उनके लिए और भारत के हित मे सकारात्मक  संदेश ला सकता है


यदि वे सभी समुदायों को

बराबर सम्मान और सुरक्षा देने का संदेश देती हैं…तो एकबार शांति से देश परिस्थिति पर  गहन चिंतन करना चाहिए बदला लेने की भावना से कौरव वंश महाभारत युद्ध करके क्या हासिल कर पाया? खानदान  नष्ट होगया - अंत मे जगत मे हंसी का पात्र ही बना! ऐसी ही स्थिति ममता के लिए हो जाय तो कोई अश्चर्य नहीं होगा!


तो एक नया, शांतिपूर्ण

और प्रगतिशील बंगाल

पूरी तरह संभव है।

इस पर ज्योतिर्माली जी का कहना है कि यह परिवर्तन—

हिंसा या टकराव से नहीं…

बल्कि संवाद समझ

और सत्य की राह

से आएगा।”


“तो क्या बंगाल एक बड़े संकट की ओर बढ़ रहा है?

या नया अध्याय खुलने वाला है?

इस प्रश्न का उत्तर ज्योति र्माली जी समाज के ऊपर छोड़ रहे है कहते है

इसका जबाब आपसबके चिंतन और समय पर निर्भर करेगा

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