Wednesday, 8 January 2025

बांग्लादेश और ममता की मंशा क्या है !

*भारत मे पाकिस्तान और बांग्लादेशी आतंकी क्यों घुस रहे हैं!*  किसके इशारे  पर ऐसा हो रहा है ? जरा  सोचिए--- भारत का  एक राज्य बंग्लादेश में कभी मिल जाएगा तो क्या होगा ! इसके पहले क्या ममता बनर्जी को मनाना सही  कदम होगा ! क्योंकि  इन्डिया गठबंधन में जितने नेता हैं वे सबके सब प्रधानमंत्री के आकांक्षी हैँ उनसे किसी भी वार्तालाप का नतीज़ा नहीं निकलेगा एक ममता बनर्जी है जो  अपने मन की रानी हैँ  जल्दी  से  किसी  का  उनपर जादुई असर नहीं  पड़ेगा l वैसे ममता बनर्जी भी मोदी जी की तरह प्रधान मंत्री बनने की इच्छुक हैं l मोदी जी की तरह मायने क्या!मुख्यमंत्री से पीएम की दिल्ली तमन्ना  है l
लोगों का कहना है ममता दिल की अच्छी हैँ पहले भी वो अच्छी कहीं जाती थीं ममता बनर्जी जो सोचती हैं वो करने कीजिद्द ठान  लेती  हैं और एन केन कर डालती  हैँ शायद राजनीतिक लोभ के कारण या कुछेक सिर फिरे नेताओं के बहकावे में आकर मुस्लिम समुदाय को  राजनीतिक दबाव से अपना समर्थन दे रहीं हैँ.  जिसके कारण बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे बर्बरता की  शुरुआत बंगाल से ही 2014 के बाद से शुरू हो गया था तब भी ममता बनर्जी की ही सरकार थी  तबसे आज तक बांग्लादेश ममता बनर्जी की नकल कर करके हिंदुओं को प्रताड़ित करने मे लगातार सक्रिय है इस प्रकार बंगाल की सरकार जिस रफ्तार से हिन्दुओं पर नाकाबंदी कर रहीं थीं  ठीक उसी तरह बांग्लादेश भी करने लगा है बंगाल में दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा आदि हिन्दुओं के पर्व, त्योहारों पर पाबंदी लगती रहती थी उसी तरह की पाबंदी बांग्लादेश में भी लगती रहीं  है -
आजकल बांग्लादेश में अधिकतम बर्बरता हिन्दुओं पर हो रहा है बंग्लादेश के हिन्दुओं को उनके घरों से निकलने के सारे हथकंडे अपनाए जा रहे हैँ उनको जलील किया जा रहा है कश्मीर और सम्भल जैसे हालात होरहे हैँ उधर पाकिस्तान भीआतंकियों को बिहार,  उत्तर प्रदेश,राजस्थान  पंजाब और पूर्वोत्तर प्रदेश असम, नागालैंड ,मणिपुर, मेघालयआदि बार्डर की सीमाओं से आतंकी घुसपैठिए भारत मे  आतंक फैलाने की चेष्टा में अनवरत प्रयास कर रहा है मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ आतंकियों को पकड़ने में सजग हैं. एक तरफ विपक्ष के सिरमौर राहुलजी, अखिलेश यादव, केजरीवाल,लोंगो  के भड़काऊ भाषण से आतंकियों को सह मिलने से भारतके प्रधानमंत्री मोदीजी को ताल ठोक कर ललकार रहे हैँ आज विपक्ष वैसा ही कर रहा है जैसे बामदल और संयुक्त दल की सरकारे संसद या  विधानसभा में हो हल्ला दंगा मारपीट हंगामा आदि किया करते थे .

आज  की बीजेपी की  सरकार के सन्मुख अटल की सरकार के समय जैसी हालत दिखाई दे रहा है. बल्कि उससे भी बदतर कहा जाएगा अटल बिहारी जी की सरकार के समय भी विपक्षी दल एक साथ होकर देश को जाति पाँति धर्म कमंडल आदि का नारा लगता था पूर्व प्रधान मंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह , चंद्रशेखर, देवेगौड़ा ,पी वीनरसिम्हा राव, राजीव गांधी फिर  डॉ मनमोहन सिंह के समय की तरह का  माहौल बन रहा है  पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव भी पाकिस्तान  को अपना सगा भाई कहा करते थे .अभी भी उनके सुपुत्र मुस्लिम दल के भरोसे राजनीति कर रहे हैँ 2024 के बाद बीजेपी के लिए 2025 का  साल उतना आसान समय  नहीं रहेगा. जैसा  2021/22/23/24  का  था हर क्षण  बीजेपी को  विपक्ष दल परेशान करता रहेगा. अब सवाल है भारत और बंगाल को बचाने की इन्डिया गठबंधन में जितने भी नेता हैँ सबके सब  बीजेपी से नाराज  हैं  नाराज तो ममता बनर्जी भी हैं लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी जी के  समय भी नाराज थी. तब उनके मनाने से मान गई  थी यह भी सही है कि ममता बनर्जी से  मोदी जी और श्रीअमित शाह के साथ ममता बनर्जी का आंकड़ा टेढ़ा  है यह  भी सम्भव है कि दीदी का दिल पहले जैसा नहीं है.अब दीदी भारत की राजनीति को बड़े ध्यान से से  देख रही हैं  क्योंकि किसी भी तरह का बयान बाजी नहीं कर रहीं हैँ ममता बनर्जी को प्रधान मंत्री की चाह ने उनको विवश कर रखा है चुप चाप  तमाशा  देख रहीं हैँ.
यह भी सच है कि बीजेपी के सहारे रेलमंत्री और केंद्रीय मंत्री वाली अब ममता नहीं रहीं. अब उनमें भारी बदलाव आ चुका है. हिन्दू मुस्लिम के बीच की कड़ी में  ममता बनर्जी भारी राजनीतिक खेल खेलने  में माहिर हैँ. बीजेपी और कांग्रेस के अतरिक्त उनकी अपनी  प्यारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पार्टी है.  जिसके  सहारे बामदल की सरकार को सदा सदा के लिए बिदा करके बंगाल की एक छत्र मुख्यमंत्री हैं अब पाकिस्तान और  बंग्लादेश दोनों देशों को शांत करने का एक  छोटा प्रयास  ममता बनर्जी  दिख रहीं हैँ किन्तु  वो  सहज  मान जाएगी  ऐसा  लगता  नहीं  है एक  दृष्टि  से 
ममता बनर्जीकी जन्म पत्रिका में समझौता के प्लेनेट भी उसी तरह  सशक्त है जैसे प्रधानमंत्री बनने के हैं यह भी सच  है  कि ममता बनर्जी के ग्रह पीएम के योग्य अवश्य है लेकिन भारत देश छोड़ कर अन्यत्र किसी देश की  प्रधान मंत्री का अवसर  झलक रहा है. पाकिस्तान व बांग्लादेश दोनों का मिलन भारत संशयत्मक दिखाई दे रहा है.  लेकिन पाकिस्तान मे दो दल की दो सरकारे होने के संकेत दिखाई दे रहा है लेकिन बांग्लादेश भारत में मिलने के संकेत को नकारा नहीं जा सकता  है l

-ज्योतिर्माली कोलकाता 



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