Tuesday, 5 December 2023

भारतीय हिन्दू और हिन्दुत्व भारत मे कुछ हिन्दू क्यों विरोधी हैं जब कि विश्व में हिंदू औरअन्य जाति के लोग भारतीय सनातन परंपराओं और देवताओं को सहर्ष स्वीकारने लगे हैं. मुस्लिम और अंग्रेजी - शासनकाल में लोभी लालची और मौका परस्त हिन्दुओं का नाम इतिहास मे दर्ज है जिनके चलते हिंदू राजाओं को अपने राज्यों से हाथ धोना पड़ा था और अपनी जाति और धर्म की कुर्बानी देनी पड़ी थी l अंग्रेजो को प्रसन्न करते बदले में जमीन या जागीर ईनाम में प्राप्त करते थे l ऐसी कहानियाँ हरएक प्रदेश में चर्चित हैं l आज भी वैसी ही कहानियों को कुछेक गिरे हुए नीच प्रकृत के हिन्दू दोहराने में जुटे हुए हैं . 36 गढ के सीएम जो अचानक हिन्दुओं के खिलाफ सामुहिक संकल्प करवाना जरूरी समझे, मानो उनको साँप सूँघ लिया था ,उनकी मति को गठबंधन का नशा चढ़ गया था और बिहारी बाबु नीतीश जी , राहुलजी , ममता दीदी, राजस्थान के जादूगर गहलोत अशोकजी, केजरीवाल जैसे लोगों के सिर का भूत इनके सिर चढ़ गया था --"हिंदू के देवी-देवता को नहीं मानेंगे ना ही उनकी पूजा-अर्चना करेंगे. जो होना होता है वही होता है. 36 गढ के सीएम राजनीति की सूली पर चढ़ गए. अब उनका हाल श्री राहुलजी जैसा बन गया है [ न घर के न घाट के ]www.panditjyotirmalee.comराजस्थान के जादूगर सीएम जी का जादू मानो रूठ गया था l राहुलजी , प्रियंका बाडरा और श्रीमती सोनियाजी की फौज राजस्थान के गालियों महलों के रास्तो को छान मारी, भारत जोड़ों अभियान का तनिक भी असर विधानसभा चुनाव पर नहीं दिखा उल्टे पहले से भी कम विधायक चुने गए l जनेऊ पहन कर माथे पर चन्दन लगा कर गले में मन्दिरों की चढ़ाई गई मालाएं पहने व मंदिरों में पूजा भी कर डाले लेकिन राहुलजी हिन्दुओं को बेवक़ूफ़ बनाने के स्वांग में फेल हो गए l जनता हिन्दू और अन्य जातियों के लोगों को बीजेपी पर भारी भरोसा हो चुका था, तभी तो 3 राज्यों में बीजेपी को जबरदस्त हिन्दू मुस्लिम का समर्थन मिला है, सर्वत्र मोदी की जय जय कार मच रहीं है -'सिर मुड़ाते ओले गिरे" इधर चुनावी हार उधर सांसद और सरकारी बांग्ला से बेदखल होने के दिन पप्पू ,सोनियाजी और बहिन प्रियंका को देखना बाकी रह गया था lसच देखा जाय तो कांग्रेस दल में कुछेक नेता जो छुपकर बागी बन गए थे उनकी चाहत थी कि पप्पू जी प्रधानमंत्री का दावेदारी का सपना छोड़ दें तब उनकी दाल शायद गल जाए अब ऐसा ही होना सम्भव दिखता है "अनहोनी होनी नहीं होनी हो सो होय l ' भारत सरकार ने कानूनी शिकंजा में गांधी परिवार को जकड़ रखा है जो आगामी कई वर्षो तक गांधी के सदस्यों के लिए भारत की गद्दी कोसों दूर रहेगी l दक्षिणी भारत कर्नाटक के बाद तेलंगाना और दक्षिणी भारत के लोगों ने यह तय कर रखा है पप्पू जी को पूरे भारत में हम सहारा बनते रहेंगे क्योंकि गांधी कुटुंब को इंदिरा गांधी के काल से पक्का साथी साउथभारत (South India) बना हुआ है - हम बचन बद्ध हैं जिसका कोई नहीं उसका सहारा और भाग्यदाता खड़गे जी जैसे लोग ही होते रहेंगे lपूरा विश्व भारत की तरफ देख रहा है लेकिन गठबंधन पार्टी की आँखों पर जादुई चश्मा है भ्रष्टाचार करते रहो बीजेपी अब गई तब गई फिर भारत पर संघटन का शासन चलेगा अर्थात हमारी मनमानी चलेगी न नौ मन तेल होगा न राधा नाच नाचेगी [1december 2023 को F.C.Book में चुनावी परिणाम था -- राजस्थान में राजघराने की दिया जी मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश में मामाजी और 36 गढ में बीजेपी भारी बहुमत से सरकार बनाएगी लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस - कर्नाटक की राह पर दिखेगी ] www.panditjyotirmalee.com पंडित ज्योतिर्माली कोलकाता

Sunday, 3 December 2023

देश की बात ? चुनावी रणनीति भारत में 4 राज्यों के चुनाव में बीजेपी का चेहरा राजस्थान में कमल की तरह खिलेगा l वोटिंग का प्रतिशत राजस्थान में सबसे अधिक होगा और मध्य प्रदेश मे मामा जी का कमल फिर से खिलेगा जिससे बीजेपी का अपना मुख्यमंत्री खड़ा करके एक नया रिकार्ड बना सकती है l 36 गढ में हिंदूओं को क्रिश्चियन बनाने की मंशा ने उनका दुबारा सीएम की जगह आम आदमी बना दिया जनता ने तेलंगाना में कर्नाटक की राह पर अपना फैसला छोड़ कर कांग्रेसियों को आगे बढ़ते रहो का नारा बुलन्द कर देगा भविष्य में राज्यों में मे कांग्रेस बंट जाने वाली है इसलिए देश मे कांग्रेसियों के पुराने गलबहियाँ का नजारा बीजेपी को भविष्य में चिंतित करे तो कुछ अनहोनी नहीं होगी lअब दूसरा सवाल कौन कहाँ कौन सीएम बनेगा कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों मे आपसी समझौता मे देर लगेगी ही यह मसला वीर दिमागी वाले प्रधान मंत्री जी के ऊपर निर्भर करेगा जैसा निर्णय करेंगे वैसा ही फल राज्यों को प्राप्त होगा www.panditjyotirmalee.com

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2023 में विधान सभा चुनाव की गहमागहमी 5 साल आपसी तू तू मैं मैं के बीच सबका साथ सबका विकास बीजेपी का नारा था l उधर विपक्ष कांग्रेस के आपसी आत्मघाती सहयोगियों के साथ गठबंधन दल के नेताओं का ताल मेल का स्वांग सवा सौ करोड़ देशवासियों ने देख लिया , फिर भी सभी दल के नेताओ को पूरा भरोसा हो गया था कि भारत की पूरी धरती मानो उनके वंशावली ने उनके नाम रजिस्टर्ड करके स्वर्गलोक सिधार गए हों,लेकिन भारतीय नेताओं के सिर मौर्य प्रधान मंत्री भी सबके विकास का दरवाजा खोल चुके थे फिर भी अपने ही दल के हमदर्दी नेताओं का साथ जोड़ने की अपेक्षा कुछेक को तोड़ने मे मानो संलग्न थे , जिसके फल स्वरुप जीत के लिए मन्दिरों साधु संतो के बीच सिर झुकाते फिर रहे थे उन्हें भी विपक्ष की तरह पक्की जीत का संदेह मन ही मन कौंध रहा था lकर्नाटक की जीत की तरह तेलंगाना भी कांग्रेस की झोली में जा गिरेगा- य़ह कांग्रेसियों के समझ मे आ गया था अस्तु ,राजस्थान राज्य जो भारत का मुख्य पर्यटकों का केंद्र माना जाता है वो अबकी सीएम राजघराने की नयी रानी दिया को बनाने की चेष्टा होगी संभवत प्रधान मंत्री जी का फ़ार्मूला काम आ जाए और पुरानी सीएम राजे वसुंधरा को सेंट्रल की धुरी पर विराजमान करके बीजेपी में मचने वाली असंतोष को बचा लिया जाय एक और अफवाह संत बालक नाथ जी का बीजेपी को सीएम बनाने का उभरेगा लेकिन बड़े सरताज के आगे बात दब सकती है आगे तो कन्हैयालाल जाने बांसुरी किसके मुँह पर सजेगी l 36 गढ के सीएम बघेल जी ऐसा फंसेगे यह वो भी नहीं समझ पाएं थे बेचारे 36 के सीएम चित्त हो कर गठबंधन की धुरी बन कर जीवन भर पश्चाताप करेंगे lwww.panditjyotirmalee.comउसी प्रकार मध्य प्रदेश के मामा जी को वहां की जनता नहिं छोड़ेगी अच्छी खासी बहुमत देगी अब सवाल है जिस प्रदेश के राजा हिन्दुओं के विरुद्ध हों और दुबारा मुख्यमंत्री बनना चाहे तो भला यह कैसे सम्भव होगा चित्त पट्ट के खेल मे हार ही भाग्य में मिलेगा इसप्रकार एक बार बीजेपी फिर भारतीय जनता का विकास करने में कामयाब हो सकती हैलेकिन चुनाव केबाद सर्वत्र तालमेल को लेकर बीजेपी को दो दो हाथ करना पड़े तो कोई आश्चर्य नहीं hogaPandit Jyotirmalee

Thursday, 26 October 2023

*शरद पूर्णिमा एवं चंद्रग्रहण* 28-10-2023 को शरद पूर्णिमा शनिवार के दिन *अश्विनी नक्षत्र* पर चंद्र ग्रहण लग रहा है, जो पूरे भारत में दिखाई देगा lग्रहण काल* ग्रहण रात को 1 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा और 2 बजकर 24 मिनट पर मोक्ष होगा ( 28/29-10-2023)सूतक* शाम 4.05बजे से लग जाएगा l *लक्ष्मी पूजन*चंद्र ग्रहण लगने के कारण लक्ष्मी जी का पूजन दिन में ही करना होगाइसलिएइस(वर्ष)अबकी बार खीर रात को चंद्रमा की रोशनी में नहीं रखी जाएगी, दिन मे ही खीर बनाकर लक्ष्मी जी को भोग लगाना चाहिए ग्रहण का *राशि फल* मेष मिथुन कर्क और वृश्चिक राशि वाले लोगों के लिए वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण का फल विशेष रूप से अच्छा मिलेगा शेष राशि वाले लोगों के लिए फल मन्द रहेगा उनको ग्रहण के बाद दान पुण्य और तीर्थ स्थानों का दर्शन और स्नान से दुष्कर कष्ट दूर होंगे हाँ धनु राशि के लिए समान्य फल मिलेगा l सब कार्य में सफ़लता धैर्य परिश्रम और लगन से प्राप्त होगा pandit jyotirmalee ( MadhusudanMishra) Jyotirlata jyotishiKolkata(R.K.Mishra)

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विजया दशमी 24 october 2023

Sunday, 8 October 2023

*चाह और चाहत* खुशियाँ पैसों से नहीं मिलती हैं उदाहरण सीता माता रामजी के साथ थी तब उनको हिरण चाहिए था परंतु वही सीता माता जब सोने की नगरी लंका मे थी तब उन्हें रामजी को चाहिए था इसलिए जीवन मे सब कुछ प्राप्त नहीं हो पाता है सबके पास कुछ अवश्य होता है पैसा गाड़ी सन्तान पत्नि माता पिता. लेकिन पूर्ण सुख कि‍सी किसी को ही मिल पाता है जो भाग्यशाली होते हैं अन्यथा सबका जीवन कहीं न कहीं अधूरा सा रह जाता है कहा जाता है जिसने चंद्रमा देखा उसने ईश्वर की कला खूबसूरती देखा उसी तरह सूर्य को देख कर सूर्य के बल का अनुमान कर लेते हैँ आईने में अपना चेहरा देखकर प्रभु की सुन्दर रचना को सराहते हैँ खुद को भरोसा में रखिए फल मिलेगा www.panditjyotirmalee.com

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Saturday, 23 September 2023

नारी सम्मान बिल भारत की राज्य सभा में आज नारी आरक्षण विधेयक के पारित होने से भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में नयाऔरसुनहरा अध्याय जुड़ गया है।नारी सशक्तिकरण को नई ऊर्जा और उड़ान देने वाले इस चरण के लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूँ। यह उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो गया है। भारत की जनता को बहुत शुभकामनाएं l--ध्यान देने की बात है नारी बिल को पूर्व 4 प्रधान मंत्री पारित न कर पाए वो मोदी के प्रयास से सफल हो गया दृढ़ इच्छाशक्ति और बीजेपी की बहुमत का परिणाम है l-पंडित ज्योतिर्माली

Monday, 28 August 2023

मन्दिर में क्यों जाते हैं लोग

मन्दिर में क्यों जाते हैं लोग 
        एक बार ट्रेन में  सफ़र कर  रहे पंडित  मधुसूदन मिश्र जी से किसी ने पूछा - आप कहाँ जा  रहे  हैँ  उत्तर  था वाराणसी l कोई  खास  प्रयोजन  होगा ? पुनश्च  उत्तर  था- काशी  पंचकोश यात्रा करने हेतु l
आप  लोग  ही कह्ते - फिरते  हैं कि  सर्वत्र  हर कण कण मे भगवान है तो फ़िर  मन्दिर  मन्दिर   क्यूँ जाते हैं ?
बड़े  ही  सहज  भाव से पंडित जी  ने उत्तर  दिया

"हवा तो सर्वत्र  है गर्म और  ठंढ़ा l
बाहर खूब  गर्म हवा  चलती है  परन्तु आनंद और चैन किसी छाँव मे बैठ कर  ही  क्यों मिलता है" मन्दिर- गुरुद्वारा  में ही पवित्र  शाकुन क्यों  प्राप्त होता है ?  
प्रश्न कर्ता  निरुत्तर  हो  कर  चुप  हो  गया
मधुसूदन मिश्र 
ज्योतिर्माली 
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सच को जानना चाहिए लेकिन एक मर्यादित घेरे के भीतर ईश्वर की सरंचना को लांघना अमर्यादित है उनके विवेक से अपने विवेक की तुलना करना माने उनको छोटा सिद्ध करना वो सर्व शक्तिमान है और रहेगा मनुष्य एक खोजी दिमाग का प्राणी हैधरती पर रह कर वो ब्रह्मांड को खोज निकाला है चांद सूरज जैसे अनेक खगोल की जानकारियां जुटाने में सृष्टि काल से अब तक लगा हुआ है हमारे ऋषि मुनियों की खोज का ही प्रतिफल है कि चांद पर पहुचने में सफल हो गए हैँ l लेकिन सृष्टि की दीवारें आकाशीय पिंडों के सहारे झूल रहीं हैँ जिनकी सुरक्षा हम वैज्ञानिकों को करनी चाहिए अन्यथा भविष्य में पहाड़ो की तरह ये सरकते सरकते अंधकार में विलीन न हो जाय जैसे उत्तरांचल में बादल का फटना और भारी तबाही का होना इसलिए प्रकृति को समझना ठीक है लेकिन नष्ट होने से बचाना भी होगा l मेरा पृथ्वी लोक के विशिष्ट जनों से अनुरोध और सुझाव है कि सृष्टि के साथ छेड़छाड़ न हो बस lwww.panditjyotirmalee.com

सच को जानना चाहिए लेकिन एक मर्यादित घेरे के भीतर ईश्वर की सरंचना को लांघना अमर्यादित है उनके विवेक से अपने विवेक की तुलना करना माने उनको छोटा सिद्ध करना वो सर्व शक्तिमान है और रहेगा मनुष्य एक खोजी दिमाग का प्राणी हैधरती पर रह कर वो ब्रह्मांड को खोज निकाला है चांद सूरज जैसे अनेक खगोल की जानकारियां जुटाने में सृष्टि काल से अब तक लगा हुआ है हमारे ऋषि मुनियों की खोज का ही प्रतिफल है कि चांद पर पहुचने में सफल हो गए हैँ l लेकिन सृष्टि की दीवारें आकाशीय पिंडों के सहारे झूल रहीं हैँ जिनकी सुरक्षा हम वैज्ञानिकों को करनी चाहिए अन्यथा भविष्य में पहाड़ो की तरह ये सरकते सरकते अंधकार में विलीन न हो जाय जैसे उत्तरांचल में बादल का फटना और भारी तबाही का होना इसलिए प्रकृति को समझना ठीक है लेकिन नष्ट होने से बचाना भी होगा l मेरा पृथ्वी लोक के विशिष्ट जनों से अनुरोध और सुझाव है कि सृष्टि के साथ छेड़छाड़ न हो बस lwww.panditjyotirmalee.com

Thursday, 11 May 2023

कर्णाटक का चुनावी गणित

*चुनावी  तस्वीर* कर्नाटक की
-पंडित  ज्योतिर्माली

10 May  2023 को 
कर्नाटक  में  चुनाव  सम्पन्न होते  ही सब की चिंता  रहेगी--कौन और  किसकी सरकार गठित होगी ! विश्व प्रसिद्ध कोलकाता के विख्यात पंडित 
Jyotirmalee जी की  गणित  के अनुसार बीजेपी की सरकार बन सकती  है  जब  आंकड़ा 113 के  पार होगी l
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं  की भाषण बाजी और उनके लुभावने स्कीमों  की  झड़ियों की बौछारों  से जनता भ्रमित हो  सकती  है l  अन्यथा जनता  का रुझान बीजेपी  की  तरफ  रह  सकता है वोट का  प्रतिशत भले  ही कमोबेश हो सकता  है  पर सरकार बीजेपी  की आनी  चाहिए l पूर्व  सीएम 
श्री वासव राज Bommai की भूमिका  अवश्य जनता के लिए  प्रश्न वाचक रहेगी ? परंतु कर्णाटक का भविष्य बीजेपी के बिना सम्भव  नहीं  होगा यह कर्णाटक  की जनता का अनुमान रहेगा .प्रधान मंत्री श्री  नरेंद्र मोदी जी, गृहमंत्री अमित शाह , श्री राजनाथ सिंह ,  मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जैसे महारथियों  ने  कर्णाटक की जनता की भलाई  हेतु खूब  ताकत लगा  दिया  हैं l वैसे कांग्रेस और किंग्स मेकर  जे डी एस के कुमार स्वामी अपनी करिश्मा दिखाने  में  कोई  कसर नहीं छोड़े हैं।  लेकिन इस  बार कुमार  स्वामी  की भी तस्वीर धूमिल रहेगी l अलग अलग गणित का आधार मान कर देखा  जाय तो बीजेपी को  कर्णाटक में खूब पसीना  बहाकर भी पूर्ण बहुमत की  आशा  कमजोर  दिखती है l  कांग्रेस की  तरफ जनता होगी  तो कैसे  होगी  फिर भी  बीजेपी  की  सरकार की  सम्भावना सबको  रहेगी l क्योंकि  कर्नाटक में जनता  जागरूक  होगई  है एक गणित  से कांग्रेस की  सरकार बीजेपी  को मुहँ चिढ़ा सकती  l देश  मे.कुछेक कांग्रेसियों को गाँधी परिवार से मुहब्बत है l उधर मैडम  प्रियंका गांधी बाडरा भी  अपनी दादी  इंदिरा गांधी की दुहाई  देना न भूली बाबा राहुल जी भारत काभ्रमण कर के कर्णाटक को खुश  कर. सकते  हैं l मैडम. प्रियंका  और सोनियाजी.का  परिश्रम  झटके  से  कांग्रेस की  तस्वीर   बदलने  में शायद  कामयाबी  मिल जाय l फिर भी आगे भविष्य  में माया  ममता बादरा उर्फ  गांधी  समेत  अन्य दल  के  लोग पानी  के  बुलबुले की  तरह विलीन होते  नजर  आयेंगे l बीजेपी  की  बदकिस्मती  होगी  जो  पुराने  सीएम येदयुरप्पा  को  दूध  की  मक्खी  की  तरह निकालने  से  वोट  कम मिलने  से  मुहँ  की  खानी  पड़े  तो  कोई  आश्चर्य  नहीं  होगा ?आज  सारा  देश  हिन्दुत्व  की  तरफ  देखने को विवश है lऐसे  में मोदी और  बीजेपी की पहल  सराहनीय मानी जाएगी lजय श्रीराम और 'जय  बजरंगबली' का उद्घोष  का  नारा सार्थक लगता  है लेकिन  बीजेपी  को  सही  समय  की  पकड़ में  कमजोरी  से  पाशा  उल्टा  भी  पड़  सकता  है बीजेपी  और  कांग्रेस  के  बीच  अंततोगत्वा  कांग्रेस को  अधिक  वोट  की  आशा  रहेगी lबीजेपी की  उद्दंडता  से   कर्णाटक के  चुनाव  से  दुखी  होना  पड सकता  हैlकांग्रेस  कर्णाटक  में  जीत  के  लिए  भारी  ताकत  लगा  लगाएगी  और  विजयी भी  हो  सकती  हैl
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Friday, 28 April 2023

गुरु-अन्तर्यामी तत्व: पंडित ज्योतिर्माली






* गुरु एक अन्तर्यामी  तत्व  है 
"गुरु" कोई "व्यक्ति" नहीं, गुरु कोई"शरीर" नहीं,
 "गुरु" एक "तत्व" है , गुरु एक"शक्ति है" । "गुरु" यदि "शरीर" होता, तो इस छोटी सी "दुनिया" में, एक ही "गुरु" - "पर्याप्त" होता ।समझना  होगा "गुरु" एक "भाव" है l"गुरु" "श्रद्धा" है । "गुरु" "समर्पण" है । आपका "गुरु: आपके "व्यक्तित्व" का "परिचय" है । "कब" "कौन", "कैसे" आपके लिये "गुरु" "साबित" हो, यह आप की "दृष्टि "एवं "मनोभाव "पर निर्भर करता है ।  सुना  और  कहा जाता है  "गुरु" "प्रार्थना" से मिलता है । "गुरु" "समर्पण" से मिलता है, "गुरु" "दृष्टा" "भाव" से मिलता है, "गुरु" "किस्मत: से मिलता है । लेकिन  सच तो यह भी है "गुरु" "किस्मत" वालों को "मिलता" है l इस  कथन को *अनंत श्री विभूषित ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर  जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी कई  बार इस  तथ्य  को सुनाते थे, समझाते  थे l सच  तो  यह  है  कि गुरु का  सही  अर्थ आज  तक  लोग  समझ  नहीं  पाये हैँ l
ठिठोली मे  कहो  गुरु  क्या ख़बर  है  ऐसा  कह  कर एक  उपहास करते  हम  बहुदा सुन  लेते  हैँ l
लेकिन  गुरु  एक  गूढ  तत्व  है  जो  समझ  गया  उसका जीवन  कुछ अंशों  तक सुधर  गया l
ऋषि  मुनियों  की असंख्य पंक्तियाँ  हैँ --
काम  क्रोध  लोभ  मोह 
हमारे  जीवन  की  पग डांडियों के  कांटे  हैं 
इनसे  जो  बच  गया उसीका  जीवन  सम्भल  गया l
सुर  तुलसी  कबीर  जायसी रहिम आदि  जैसे  महान भक्ति भाव वाले मनीषियों  ने  संसार 
को  सहज  जीने  की  प्रेरणा देते  देते अपना जीवन  न्यौछावर  कर  गए  पर  सांसारिक  जीवन भोगी आज  तक  बिगड़े  हुए  बिखरे  पड़े  हैँ 
न गुरु का  बोध  हुआ  न  ही जीवन  की व्याधियों  से  छुटकारा  मिला l सुदामा कृष्ण अर्जुन कृष्ण जैसा सखा ,
राम  भक्त हनुमान -  
राम भरत का भाई - प्रेम 
जैसे असंख्य उदाहरण हैँ 
गुरु  का  पद श्रेष्ठ था 
और  आगे  भी यथावत  रहेगा l
पंडित jyotirmalee@gmail.com 
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Thursday, 30 March 2023

राम मनोहारी, राम नवमी

 *श्री राम जन्मोत्सव*    


श्रीराम की बात निराली-

एक दिन,

विष्णु रूप धर आए राम माता कौशल्या के महल में 

प्रश्न था  -क्यों आये हो प्रभु यहाँ पर ?

विष्णु रूप स्वामी बोले-

"कौशल्या का पुत्र बनने आया हूँ "

 तब बोली माता -"पुत्र बनने आये हो तो लीला करो गोद मे-

पहले छोटा बनो - फिर रुदन करो 

प्रभु हो, ठीक है,पर धरती पर यहां आए हों तो दुनियादारी निभाओ l

जब सब बात समझ मे आई ,तब लीला धारी  माता कौशल्या की गोद मे रुदन करने लगे l

पूरे अयोध्या महल में

छा गयी ख़ुशीहाली चारो तरफ मच गया हो हल्ला 

कौशल्या माता के आँगन में दौड़ पड़ीं दासी दासियाँ 

बिजली की तरह फैल गई ख़बर अयोध्या में ,

जनम हुआ  है राजा दशरथ के पुत्र का l

बजने लगे बाजे पूरी अयोध्या में,

खुशियां केवल राजा के घर मे नही

पूरे अयोध्या नगरी में तरह तरह के ढोल बाजे बजने लगे l.           

  पूरी हुई आशा राजा रानी के

अनाथ  से  

सनाथ हुई अयोध्या नगरी l

घर घर उत्सव होने लगे l

राजा दशरथ को  बोध हुआ -

आये हैं *ब्रह्म लीलाधारी*लीला करने हमारे घर*

सर्वत्र अयोध्या नगरी में बँटने लगे खुशियों के उपहार l

राजघराने में देख खुशियां, देवताओं ने बरसाए भांति भांति के फूल l

चौदहों भुवन के स्वामी भुवनेश्वर ,

बने हैं राजा दशरथ के ललना l

शिव पार्वती भी मोहित हुएअयोध्या मेंआने को l

बार बार वेश धर कर आने लगे बाघम्बर धारीl अयोध्या में बुद्धि वान ज्ञानियों की लग गई होड़.                      

 फिर क्या था देख मौका,

 ललना का हाथ देखने पहुँच गए - शिव बाबा

देखा देखी हुई  दोनों मन्द मन्द मुस्काने लगे  बाबा और शिव - राम

भेद अभेद्य 

पूरे विश्व मे फैल गई चर्चा 

अयोध्या में जन्मे हैं राम 

खबर लगी जब रावण को सहमा ,थर्राया बुदबुदाया 

फिर गुणा भाग करने लगा,

अपनी गति को मापने लगा 

वह भी था शिव जी का  शिष्य  और  भक्त -        जान गया, समझ  गया 

शिव बाबा क्यों पहुँचे थे 

अयोध्या नगरी ..

एक भव्य कोठरी में  जा  बैठा. 

अपनी  गति  को भाँप  गया,  

समझ  गया ज्योतिषीय गणनाओं से ..        

मेरा तरण तारण राम का  प्राकट्य हो गया है ..

मन मे धीरे से बोल उठा 

"जय श्री राम , जै जानकी माता"

जानकी होंगी राम की अर्धांगिनी

वह दूरगामी परिणाम को भाँप लिया था ..

जानकी जी ही होंगी

मेरी गति की मापदंड 

फिर मन मे बुदबुदाया

*जै श्री राम! जै श्री राम !!

राजकुमारी "ज्योतिर्लता"